कहा जाता है कि मुसलिम-यादव (एम-वाई) गठजोड़ के दम पर यूपी में मुलायम सिंह की सपा और बिहार में लालू प्रसाद यादव के आरजेडी को जीत मिलती रही थी। बीजेपी ने इन राज्यों में उस गठजोड़ को तोड़ दिया और सपा व आरजेडी के क़िले को भी भेद दिया। इन राज्यों में या तो उसने अकेले दम पर सरकार बनायी या फिर गठबंधन में सरकार बनाई। कहा जा रहा है कि अब कर्नाटक में बीजेपी सिद्धारमैया और कांग्रेस के ऐसे ही गठजोड़ को तोड़ने की कोशिश में है। तो सवाल है कि क्या कर्नाटक में भी मुसलिम-यादव गठजोड़ है वह इसे तोड़ने के लिए क्या कर रही है?