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'लाउडस्पीकर विवाद पर लालू वह बोले जो दूसरों में हिम्मत नहीं'

मसजिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए मसजिद के सामने ही हनुमान चालीसा बजाने का क्या किसी नेता ने साफ़-साफ़ विरोध किया है? आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने इस पर दो टूक बयान दिया है। उन्होंने ऐसा बयान दे दिया है जो बड़े-बड़े नेता हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लालू यादव के बयान को लेकर कुछ ऐसी ही तारीफ़ की जा रही है। तो आख़िर उन्होंने ऐसा क्या बयान दिया है?

लालू यादव ने खुद ही अपने बयान को ट्विटर पर साझा किया है। उन्होंने कहा है कि 'हनुमान चालीसा पढ़ना है तो मंदिर मे जाइए, मस्जिद में क्यूँ जा रहे हो?' वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने तो यह भी साफ़-साफ़ कह दिया कि 'ये इरिटेट करने यानी चिढ़ाने जाते हैं जिससे लोग रिएक्ट करें और दंगा हो। ये लोग देश को टुकड़ों में बांटना चाहते हैं।' आप खुद ही लालू के इस बयान को सुनिए।

जिस अंदाज़ में लालू यादव ने यह बात कही और जो-जो बातें कहीं, क्या इस तरह का बयान कोई और नेता दे पाया है? सवाल है कि आख़िर वे ऐसा क्यों नहीं कर पाते हैं? क्या इसलिए नहीं कि उन्हें बहुसंख्यक आबादी के वोट की चिंता है? आम तौर पर राजनीति में ऐसा बयान देने को कोई भी राजनीतिक दल अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा मानेगा, लेकिन सचाई ऐसी है नहीं। 

अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी की ही मिसाल देख सकते हैं। दिल्ली में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की बीजेपी की मांग का आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मारलेना ने विरोध किया था। लेकिन कुछ घंटे बाद ही आप को सफ़ाई जारी करनी पड़ी। आप ने एक बयान में कहा, 'आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से हर धार्मिक स्थल और आस्था के केंद्रों से लाउडस्पीकर हटाने की अवधारणा से सहमत है।' 

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महाराष्ट्र से विवाद शुरू हुआ लेकिन वहां भी इस तरह से कोई साफ़ बयान नहीं आया। इसीलिए, अब जब लालू यादव का बयान आया तो सोशल मीडिया पर उनके बयान की चर्चा तेज हुई। पत्रकार गुरप्रीत गैरी वालिया ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव हर कोई नहीं बन सकता है। 

अभिषेक नाम के यूज़र ने लिखा है, 'बाक़ी राजनीति एक तरफ़ लेकिन इतनी साफ़गोई से बात कहने की हिम्मत सिर्फ़ एक क्षत्रप में है, वो है लालू यादव। बाद बाक़ी सारे उस नफरती सोच के आगे नतमस्तक हैं।'

आरफ़ा खानम शेरवानी ने कहा है कि हिंदू वोट नाराज़ होने से डरने वाले नेताओं को लालू का ये बयान सुनना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि सांप्रदायिकता और बहुसंख्यकवाद से सिर्फ़ धर्मनिरपेक्षता और संविधानवाद से लड़ा जा सकता है।' 

बता दें कि दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद आरजेडी नेता लालू यादव ने पत्रकारों के सामने यह बयान दिया था। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि 'सारे देश से घूम आए वे और किसी ने स्वीकार नहीं किया। अब जब सभी जगह से लौटा दिए गए तो वहीं पहुंच रहे हैं जहां कोई ठिकाना नहीं रहेगा।'
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क़मर वहीद नक़वी
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