लालू प्रसाद यादव जब तीन साल बाद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नज़र आए और संबोधन दिया तो उनके तेवर बदले नहीं थे। वह शारीरिक रूप से कमजोर और उनकी आवाज़ थोड़ी लड़खड़ाती हुई ज़रूर थी, लेकिन बात रखने के तेवर वही थे। उन्होंने पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि 'मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। मिट जाएँगे- मिट जाएँगे लेकिन हमलोग टूटने वाले नहीं हैं।'