Vote Chori Parliament: संसद के अंतिम दिन 21 अगस्त को विपक्ष ने वोट चोरी के मुद्दे पर जिस तरह नारे लगाए वो चर्चा में हैं। स्पीकर ने सांसदों को चाय पर बुलाया, विपक्ष ने बहिष्कार किया। उसमें राहुल गांधी पर केंद्रित मोदी का भाषण भी कम चर्चा में नहीं है।
संसद में वोट चोरी को लेकर विपक्ष ने नारे लगाए। उस समय पीएम मोदी मौजूद थे।
संसद के मानसून सत्र 2025 का अंतिम दिन गुरुवार 21 अगस्त को बेहद हंगामेदार रहा। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने 'वोट चोर, गद्दी छोड़' और 'तड़ीपार गो बैक' जैसे नारों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। यह नारेबाजी विशेष रूप से तब चर्चा में आई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में मौजूद थे। विपक्ष का यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 'वोट चोरी' के मुद्दे को लेकर था, जिसे लेकर विपक्ष लंबे समय से सरकार पर हमलावर है।
मानसून सत्र, जो 21 जुलाई 2025 को शुरू हुआ था। इस 32 दिन के सत्र में 21 बैठकें हुईं, लेकिन विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी तकरार और गतिरोध ने कार्यवाही को बार-बार बाधित किया। अंतिम दिन भी यह सिलसिला जारी रहा। विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को 'वोट चोरी' का प्रयास करार देते हुए सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने पहले दिन से ही वोट चोरी पर चर्चा की मांग की। लेकिन मोदी सरकार वोट चोरी पर चर्चा से भागती रही। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने एक दलील यह भी दी कि इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती।
तड़ी पार और वोट चोर सोशल मीडिया पर वायरल
'वोट चोर, गद्दी छोड़' और 'तड़ीपार गो बैक' के नारे केवल संसद तक सीमित नहीं रहे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ये नारे ट्रेंड करने लगे, जहां विपक्ष समर्थकों ने इसे जनता की पुकार करार दिया। एक यूजर ने लिखा, "ये नारा सिर्फ विपक्ष की आवाज़ नहीं, बल्कि जनता की पुकार है। जिन्होंने लोकतंत्र को बेच डाला, उन्हें देश अस्वीकार कर रहा है।"
स्पीकर की टी पार्टी में मोदी का भाषण
स्पीकर ओम बिड़ला ने 21 अगस्त को संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन सभी सांसदों को चाय पर बुलाया। लेकिन विपक्षी सांसदों खासकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने इस चायपान का बहिष्कार किया। इस चाय मीटिंग में मोदी का भाषण चर्चा में है। उनका पूरा भाषण नेता विपक्ष राहुल गांधी पर केंद्रित रहा। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर लिखा कि पीएम मोदी दरअसल राहुल गांधी से डर गए हैं।
चाय मीटिंग में, पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस में बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता। संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों।" कहा जा रहा है कि मोदी का इशारा शायद कांग्रेस सांसद शशि थरूर की तरफ था। हालांकि थरूर अब सरकार समर्थक बयान देते फिर रहे हैं। यहां तक पीएम सीएम विवादित बिल पर शशि थरूर मोदी सरकार का समर्थन करते आए।
वोट चोरी के खिलाफ अभियान छेड़ने के बाद राहुल गांधी पीएम मोदी और अन्य बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैं। कोई ऐसा दिन नहीं जाता, जब राहुल गांधी पर व्यक्तिगत से लेकर राजनीतिक हमला न किया जाता हो। लेकिन वोट चोरी के खिलाफ उनका अभियान न सिर्फ लोकप्रिय होता जा रहा है, बल्कि जनता का जुड़ाव भी उससे हो रहा है। कहा जा रहा है कि मोदी की 21 अगस्त को चाय मीटिंग में की गई टिप्पणी कांग्रेस के युवा नेताओं को उभारकर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने का प्रयास हो सकता है। यह एक तरह से पार्टी में असंतुष्ट नेताओं को और उकसाने की रणनीति हो सकती है, ताकि लोगों का ध्यान राहुल गांधी से बंटे।
मोदी ने राहुल गांधी को "असुरक्षित" और "घबराया हुआ" बताकर उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया। यह बयान राहुल गांधी की छवि को कमजोर करने की भी कोशिश है। विपक्ष के नेता के रूप में हाल के समय में वो अधिक सक्रिय और मुखर नजर आए हैं। संसद में संविधान और अन्य मुद्दों पर राहुल के आक्रामक रुख के बाद, मोदी का यह हमला बताता है कि राहुल गांधी को लेकर बीजेपी में कहीं न कहीं घबराहट है।
बहरहाल, संसद के मानसून सत्र 2025 का अंतिम दिन न केवल नारों और हंगामे के लिए याद किया जाएगा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में ध्रुवीकरण और तनाव अपने चरम पर है। विपक्ष का 'वोट चोरी' अभियान और सरकार का जवाब आने वाले समय में बिहार विधानसभा चुनावों के साथ और तेज होने की संभावना है। इन नारों ने न केवल संसद को हिलाया, बल्कि देश भर में एक नई सियासी बहस को जन्म दिया है।
वोट चोरी पर राहुल गांधी का वीडियो
नेता विपक्ष राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा गुरुवार को फिर से शुरू हो गई है। राहुल गांधी ने शाम को इस रिपोर्ट के लिखे जाने से एक घंटा पहले वीडियो जारी किया है। राहुल ने वीडियो ट्वीट करते हुए एक्स पर मतदाताओं को संबोधित करते हुए लिखा भी है। उन्होंने लिखा- मैं आप सभी से एक सीधा सवाल पूछना चाहता हूं- जो सरकार वोट चोरी से बनी हो, क्या उसका इरादा कभी जनसेवा हो सकता है? नहीं ना। उन्हें आपके वोट की ज़रूरत ही नहीं, इसलिए आपकी समस्याओं की परवाह भी नहीं।
राहुल ने लिखा है- आज की स्थिति आपके सामने है- रिकॉर्डतोड़ बेरोज़गारी के कारण युवाओं के भविष्य बर्बाद हो रहे हैं। सरकार पूंजीपतियों के खजाने भरती रही। NEET, SSC, Paper leak जैसे घोटालों ने लाखों छात्रों के करियर तबाह कर दिए। सरकार ने मुंह ही फेर लिया। महंगाई आसमान छू रही है, जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। मगर, सरकार टैक्स बढ़ाती गई। रेल हादसों और सड़कों, पुलों जैसे बुनियादी ढांचों के टूटने में सैकड़ों निर्दोष लोगों की असमय मृत्यु हुई। मगर सरकार ने जवाबदेही तक नहीं तय की। राहुल ने और भी कई मुद्दों को छुआ है।