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यूपी के राज्यमंत्री अनिल शर्मा

मंत्री पुत्र रुपये बांटते दिखा, केस दर्ज, गांवों में बढ़ा बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध 

पश्चिमी यूपी में बीजेपी के तमाम प्रत्याशी विवादों में फंस रहे हैं। गांवों में उनके खिलाफ माहौल बनता जा रहा है। बुलंदशहर जिले में शिकारपुर सीट से राज्यमंत्री अनिल शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके बेटे का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो लोगों को सौ-सौ रुपये बांटता नजर आ रहा है।

शिकारपुर के एसडीएम और सहायक निर्वाचन अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने अनिल शर्मा को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी किया है। उनसे 24 घंटे में इस मामले में सफाई मांगी गई है। लेकिन स्पष्टीकरण से सहमत न होते हुए एसडीएम ने मंत्री पुत्र के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बीजेपी प्रत्याशी अनिल शर्मा का बेटा कुश शर्मा अपनी गाड़ी में बैठा हुआ है और वो लोगों को बुला-बुलाकर सौ-सौ रुपये दे रहा है। पास ही नगाड़े बज रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में वहां कोई कार्यक्रम हुआ था, उसमें हिस्सा लेने वाले लोगों को सौ-सौ रुपये दिए जा रहे थे।  

हालात बेहतर नहीं

ग्रामीण अंचलों में लड़ने वाले बीजेपी प्रत्याशी सबसे कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं। उनका विरोध ज्यादा है। विरोध की वजह से उनके कार्यक्रमों में जनता नहीं आती तो वे आसपास के मजदूरों को दिहाड़ी पर लाते हैं। 

बढ़ते विरोध के कारण बीजेपी प्रत्याशियों को घर-घर प्रचार करने में दिक्कत आ रही है। शामली में लिलोन गांव में तमाम लोगों ने अपने घरों के बाहर लिखकर लगा दिया कि यहां बीजेपी प्रत्याशी, नेता और कार्यकर्ताओं का आना मना है। ऐसा कई घरों में लिखा गया तो वहां पुलिस अधिकारी पहुंच गए। उन्होंने केस दर्ज करने की धमकी देकर उसे लिखे हुए को मिटवा दिया। लेकिन इसके बाद भी नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। 

बागपत की छपरौली सीट से लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी सहेंद्र सिंह को चुनाव प्रचार के दौरान  गांव सिरसली में गंदी-गंदी गालियां दी गईं। बीजेपी प्रत्याशी ने इसमें रालोद प्रत्याशी  डॉ अजय कुमार सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। गांव वालों ने सहेंद्र सिंह से कहा था कि वे इस गांव में न घुसें। पड़ोस के गांव धनकोशिया में तमाम घरों के बाहर तख्ती लगी हुई है, जिन पर लिखा है कि बीजेपी प्रत्याशी का आना वर्जित है। पुलिस का कहना है  कि वो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

Minister's son was seen distributing hundred rupees, video viral, opposition of BJP candidates increased in villages - Satya Hindi

शामली जिले के चुनसा गांव में बीजेपी प्रत्याशी तेजेंद्र निर्वाल के खिलाफ उनके सामने गांव वालों ने नारे लगाकर गांव से बाहर जाने को कहा। इसी तरह मुजफ्फरनगर के रसूलपुर जाटान में बीजेपी प्रत्याशी उमेश मलिक का जबरदस्त विरोध हुआ।

जाटों को टिकट, जाटों का विरोध

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट विधायकों की भरमार है। बीजेपी ने उनमें से तमाम को फिर से टिकट दिया है। लेकिन बीजेपी का यह दांव कारगर नहीं रहा। क्योंकि गांवों में बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध जाट ही कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कल जो बैठक जाट नेताओं के साथ की थी, उसका एक मकसद यह भी था कि गांवों में ऐसा माहौल हो कि बीजेपी प्रत्याशी ठीक से प्रचार तो कर सकें। लेकिन जिन जाट नेताओं को लग्जरी गाड़ियों से दिल्ली बुलाया गया था, वे यह भरोसा अमित शाह को नहीं दे सके कि वे इस विरोध को रुकवा देंगे। 

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उनका कहना था कि गांवों में पार्टीबाजी बहुत रहती है, इसलिए वे इसमें हाथ नहीं डाल सकते। अभी जो जनता कर रही है, उसे रोकने का मतलब होगा कि लोग उन नेताओं के खिलाफ हो जाएंगे। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में बीजेपी चौतरफा मुश्किलों से घिर गई है। जनता का मूड और उसकी गतिविधि देखकर लग रहा है कि जैसे यहां रालोद और सपा के पक्ष में कोई लहर चल रही हो।

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क़मर वहीद नक़वी
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