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क्या पीएम मोदी आज संसद में जवाब देंगे या इधर उधर की बात करेंगे? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 10 अगस्त को मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दलों द्वारा अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देंगे। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी शाम 4 बजे संसद में बोलेंगे। मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की। पिछले दो दिनों से संसद में मणिपुर में जातीय झड़पों पर सरकार और विपक्ष के नेताओं द्वारा तीखी चर्चा हो रही है। बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सांसद के रूप में बहाल होने के बाद सदन में अपने पहले भाषण में सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में भाजपा की राजनीति ने भारत माता की "हत्या" की है। राहुल गांधी को फ्लाइंग किस विवाद में उलझाने की भी कोशिश की गई। 
सरकार को खतरा नहींयह अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार गिराने के लिए नहीं लाया गया है। विपक्ष की रणनीति यह है कि वो संसद में नहीं आने वाले प्रधानमंत्री को घेरकर संसद में लाकर उनसे मणिपुर पर बयान दिलवाना चाहता है। अविश्वास प्रस्ताव पेश करने और बहस होने के दौरान प्रधानमंत्री को रहना होता है, लेकिन पीएम मोदी ने उसकी भी परवाह नहीं की। वो चंद मिनट के लिए भी सदन में नहीं आए। विपक्ष की रणनीति कितनी कामयाब रहती है, उसका खुलासा गुरुवार शाम तक हो जाएगा। जहां तक संसद में संख्या बल का संदर्भ है, अकेले बीजेपी के पास 303 सांसद हैं जबकि एनडीए के पास 333 सांसद हैं।

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विपक्ष यानी इंडिया के पास 143 सदस्य हैं। 70 सांसद ऐसे हैं जो दोनों गठबंधनों में से किसी में भी शामिल नहीं हैं। विपक्ष का मानना ​​है कि अविश्वास प्रस्ताव सरकार को मणिपुर में तीन महीने से अधिक समय से जारी हिंसा के बारे में बोलने के लिए मजबूर करने का एक उपाय है। यह दूसरी बार है जब नरेंद्र मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा है। 2018 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। 135 सांसदों द्वारा इसका समर्थन करने और 330 द्वारा इसका विरोध करने के बाद प्रस्ताव गिर गया था।

21 दिन से फरार हैं प्रधानमंत्रीः टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की और कहा कि लोकसभा में 21 दिनों तक "गायब" रहने के बाद उन्हें मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अभी भी ''फरार'' हैं जबकि मॉनसून सत्र शुक्रवार को समाप्त होने वाला है। "समरी: संसद का मॉनसून सत्र। लोकसभा: 21 दिनों तक गायब रहने के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी आज मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर हो गए हैं क्योंकि इंडिया अविश्वास प्रस्ताव लाया है। राज्यसभा: सत्र 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी अभी भी हैं फरार। बिलों पर रोजाना बुलडोजर चलाया जा रहा है।'' 

जवाबी हमला दमदार होगा?

राहुल गांधी के भाषण के बाद स्मृति ईरानी और अमित शाह ने सरकार के बचाव में जवाब देने की कोशिश की लेकिन जवाबी हमला दमदार नहीं था। इसीलिए "आखिरी गेंद पर छक्का लगाने" की बारी गुरुवार को मोदी की होगी। हालांकि उन्होंने मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसदों से कहा था कि विपक्ष आखिरी गेंद पर छक्का मारना चाहता है। 2018 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी राहुल गांधी ने इसी तरह का मजबूत भाषण दिया था। 
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राहुल ने उस समय राफेल डील को लेकर पीएम पर सीधा हमला किया था और कहा था कि मोदी घबराए हुए लग रहे हैं और वो अपनी आंखों से यह देखने में असमर्थ हैं। लेकिन पीएम ने भी उस समय जोरदार पलटवार किया था। उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार को "ठेकेदार" और "सौदागर" कहा था। मोदी ने तब कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव का उद्देश्य "नकारात्मक राजनीति" के माध्यम से देश में अस्थिरता फैलाना है। उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ''मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको 2024 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की शक्ति दे।''
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क़मर वहीद नक़वी
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