केंद्रीय मंत्री रिजिजू और सांसद ओवैसी
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को एक्स पर भिड़ गए। मंत्री रिजिजू ने सोमवार को दावा किया कि भारत में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय से अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है। इस पर ओवैसी ने मंत्री की कड़ी आलोचना की। ओवैसी ने रिजिजू के बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय मुसलमानों की वास्तविक स्थिति को नहीं बताता और रिजिजू को एक संवैधानिक पद की गरिमा का पालन करना चाहिए।
एक्स पर एक लंबी पोस्ट में ओवैसी ने कहा, "आप भारत गणराज्य के मंत्री हैं, कोई राजा नहीं। किरण रिजिजू, आप एक संवैधानिक पद पर हैं, न कि किसी सिंहासन पर। अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, कोई दान नहीं।" उन्होंने रिजिजू के बयान पर सवाल उठाते हुए मुसलमानों के खिलाफ होने वाली हिंसा और अपमान को बताया। ओवैसी ने पूछा, "क्या हर दिन भारतीय मुसलमान को पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना 'लाभ' है? क्या लिंचिंग होना 'सुरक्षा' है? क्या भारतीय नागरिकों को अपहरण कर बांग्लादेश में धकेल देना 'सुरक्षा' है?"
हैदराबाद सांसद ने मुस्लिम संपत्तियों को बुलडोजर से अवैध रूप से तोड़े जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, "क्या यह विशेषाधिकार है कि हमारी मस्जिदों, मकानों और मजारों को अवैध रूप से तोड़ा जाता है? सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाता है?" इसके अलावा, उन्होंने शीर्ष नेताओं द्वारा नफरत भरे भाषणों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री से लेकर सारे लोग नफरत भरे भाषणों से निशाना बनाते हैं, क्या यही 'सम्मान' है?"
ओवैसी ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को अब समान नागरिक के रूप में नहीं देखा जाता। उन्होंने कहा, "भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं रहे। हम बंधक हैं।" उन्होंने रिजिजू से धार्मिक समानता की कमी पर सवाल उठाया और कहा, "अगर आप 'लाभ' की बात करना चाहते हैं, तो जवाब दें: क्या मुसलमान हिंदू एंडोमेंट बोर्ड के सदस्य बन सकते हैं? नहीं। लेकिन आपके वक्फ संशोधन अधिनियम में गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में बहुसंख्यक बनाने की अनुमति दी गई है।"
उन्होंने सरकार पर मुस्लिम छात्रों के लिए महत्वपूर्ण स्कॉलरशिप में कटौती का भी आरोप लगाया। ओवैसी ने लिखा है- "आपने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप बंद कर दी। प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को खत्म कर दिया। पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप को सीमित कर दिया। सिर्फ इसलिए कि ये मुस्लिम छात्रों को लाभ पहुंचाती थीं।" ओवैसी ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में मुसलमानों की संख्या कम हुई है और वे अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में अधिक धकेले गए हैं।
यह विवाद रिजिजू के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने एक्स पर लिखा था, "भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय से अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है!" इस बयान ने ओवैसी के तीखे जवाब को जन्म दिया, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा की घटनाओं को उजागर किया।
असदुद्दीन ओवैसी ने हाल के वर्षों में कई बार भारत में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों, के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर किया है। उन्होंने कश्मीर में आतंकवादी हमलों, जैसे कि पहलगाम हमले, की निंदा की और इसे खुफिया विफलता करार दिया। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान को "असफल राष्ट्र" और आतंकवाद का केंद्र बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की है।