loader

‘राफ़ेल डील में हुए भ्रष्टाचार को दफ़नाने के लिए चल रहा ऑपरेशन कवर अप’

भारत की सियासत में अच्छी-खासी उथल-पुथल मचा चुके राफ़ेल लड़ाकू विमान की ख़रीद के सौदे का मामला एक बार फिर जिंदा हो गया है। फ़्रांस के एक ऑनलाइन पोर्टल मीडियापार्ट ने बीते कुछ महीनों में राफ़ेल सौदे को लेकर कई सनसनीखेज़ रिपोर्ट जारी की हैं। 

मीडियापार्ट ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि राफ़ेल लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी यानी दसॉ एविएशन ने 2007 से 2012 के बीच एक बिचौलिया कंपनी को 7.5 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी। यह कंपनी सुशेन गुप्ता की है और इसका नाम इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज है। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी मैदान में उतर आए हैं। 

बीजेपी का आरोप

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि सुशेन गुप्ता अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में भी बिचौलिया था। उन्होंने कहा कि ये तार कहां तक जुड़ते हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने राफ़ेल के मामले में भ्रम फैलाने की कोशिश की और यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ही राफ़ेल मामले में कमीशनखोरी हुई है। 

ताज़ा ख़बरें
जबकि कांग्रेस प्रवक़्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि सुशेन गुप्ता को दसॉ एविएशन ने साल 2000 में हायर किया था। खेड़ा ने कहा है कि मीडियापार्ट के मुताबिक़, दसॉ एविएशन ने सुशेन गुप्ता को 2002 और 2004 में कई मिलियन यूरो दिए। उन्होंने कहा कि इस दौरान देश में एनडीए की सरकार थी। 

‘नो करप्शन क्लॉज हटा दिया’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान राफ़ेल लड़ाकू विमान के सौदे में नो करप्शन क्लॉज था, 526 करोड़ का एक विमान था जबकि मोदी सरकार के शासन में नो करप्शन क्लॉज को हटा दिया गया और 526 करोड़ का विमान 1670 करोड़ में ख़रीदा गया। खेड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने भारतीय वायु सेना के हित को ख़तरे में डाला और भारत के खजाने को भी नुक़सान पहुंचाया। 

खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा राफ़ेल डील में हुए भ्रष्टाचार को दफ़नाने के लिए एक ‘ऑपरेशन कवर अप’ चल रहा है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन कवर अप’ के तहत मोदी सरकार ने सीबीआई और ईडी के साथ मिलकर इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। 

political controversy on Rafale deal  - Satya Hindi

‘सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया’

खेड़ा ने कहा कि 4 अक्टूबर, 2018 को बीजेपी के दो पूर्व मंत्रियों और एक वरिष्ठ वकील ने राफ़ेल सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए उस वक़्त के सीबीआई के निदेशक को हलफ़नामा सौंपा था। लेकिन 23 अक्टूबर, 2018 को पीएम मोदी की अगुवाई वाली एक समिति ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को मध्यरात्रि में हटा दिया था। उन्होंने पूछा कि भारतीय वायु सेना से परामर्श किए बिना राफ़ेल विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कैसे व क्यों कर दिया गया?

राजनीति से और ख़बरें
मीडियापार्ट ने इस साल अप्रैल में कुछ रिपोर्ट्स छापकर दावा किया था कि भारत और फ़्रांस के बीच हुई इस डील में एक भारतीय बिचौलिया कंपनी शामिल थी और उसे 1 मिलियन यूरो (8.62 करोड़) रुपये दिए गए थे। इसके बाद उसने यह भी कहा था कि फ़्रांस की पब्लिक प्रोसीक्यूशन सर्विसेज (पीएनएफ़) की वित्तीय अपराध शाखा ने राफ़ेल लड़ाकू विमान ख़रीद के सौदे की जांच शुरू कर दी है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें