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न जांच, न जवाब, पीएम बस अपने ‘मित्र’ का साथ देंगे: राहुल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने फिर से उन पर 'अडानी का मित्र' होने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अडानी विवाद को लेकर सदन में उनके भाषण से पीएम 'हैरान' थे। उन्होंने व्यापारिक समूह के ख़िलाफ़ आरोपों की जाँच नहीं कराने के लिए आलोचना की।

राहुल ने कहा, 'उन्होंने मेरे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसके अलावा, मैंने कोई जटिल सवाल नहीं पूछा है। मैंने केवल इतना पूछा कि वह (गौतम अडानी) कितनी बार पीएम के साथ गए और कितनी बार मिले।'

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं पीएम के भाषण से संतुष्ट नहीं हूं लेकिन इससे सच्चाई का पता चलता है। जांच की बात नहीं हुई है। अगर वे दोस्त नहीं हैं तो पीएम को एक बार कहना चाहिए था कि जांच होगी। पीएम ने रक्षा क्षेत्र में बेनामी खातों और शेल कंपनियों के माध्यम से चल रहे धन के बारे में बात नहीं की। इससे पता चलता है कि पीएम उनका बचाव कर रहे हैं।'

इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इसमें देश का बुनियादी ढांचा भी शामिल है। पीएम को सिर्फ इतना कहना चाहिए था कि जांच होगी। लेकिन मैं समझता हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया।'

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बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को राहुल गांधी ने संसद में अडानी मुद्दे को लेकर सरकार पर जबरदस्त हमला बोला था। राहुल ने कहा था कि देश में एयरपोर्ट से लेकर सेब तक में एक ही शख्स की चर्चा है। राहुल ने कहा था कि आखिर पीएम मोदी का अडानी समूह से क्या लिंक है। राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा, “पहले पीएम मोदी अडानी के विमान में सफर करते थे अब अडानी मोदी जी के विमान में सफर करते हैं। यह मामला पहले गुजरात का था, फिर भारत का हो गया और अब अंतरराष्ट्रीय हो गया है। अडानी ने पिछले 20 सालों में और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को कितना पैसा दिया?

उन्होंने पूछा था कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो अडानी साल 2014 में 609वें लिस्ट पर थे, वो दूसरे नंबर पर पहुंच गए। राहुल ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर वो कौन सा जादू था, जिसने अडानी को दो नंबर पर पहुंचा दिया। 

राहुल ने कहा था कि पहले अडानी के हवाई जहाज में पीएम जाते थे और अब अडानी पीएम के जहाज में जाते हैं। उन्होंने पूछा कि पीएम बताए कि वो विदेश दौरे पर कितनी बार अडानी के साथ गए।

हालाँकि आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में जवाब दिया, लेकिन वह अडानी के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा। माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल के उन सवालों का जवाब दे सकते हैं जो उन्होंने एक दिन पहले अडानी समूह और पीएम के बीच संबंध को लेकर उठाए थे। लेकिन पीएम मोदी ने अडानी का नाम भी नहीं लिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी के भाषण का इशारों में ज़िक्र कर कहा कि 'कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक… उछल रहे थे। और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है… ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं…।'

प्रधानमंत्री ने पिछले यूपीए सरकार के कार्यकाल का ज़िक्र कर कहा कि 2004-2014 को दशक को गँवा दिया गया क्योंकि यह 'घोटालों का दशक' था। उन्होंने उस दशक में 'कॉमनवेल्थ घोटाला', 'कोयला घोटाला' जैसे स्कैम का ज़िक्र किया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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