कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि जब तक चुनाव "चुराए" जाते रहेंगे, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ता रहेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि युवा अब "नौकरी की चोरी" और "वोट की चोरी" बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक्स पर लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि बेरोजगारी भारत में युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या है और इसका सीधा संबंध "वोट चोरी" से है।
राहुल गांधी ने लिखा है- भारत में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी है- और इसका सीधा रिश्ता वोट चोरी से है। जब कोई सरकार जनता का विश्वास जीतकर सत्ता में आती है, तो उसका पहला कर्तव्य होता है युवाओं को रोज़गार और अवसर देना। लेकिन BJP चुनाव ईमानदारी से नहीं जीतती, वो वोट चोरी और संवैधानिक संस्थाओं को कैद कर के सत्ता में बने रहते हैं।

बेरोजगारी 45 वर्षों में उच्चतम स्तर पर 

राहुल ने कहा- बेरोज़गारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। इसीलिए नौकरियां घट रही हैं, भर्ती प्रक्रियाएं ध्वस्त हो गई हैं और युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेला जा रहा है। इसीलिए हर परीक्षा पेपर लीक और हर भर्ती भ्रष्टाचार की कहानियों से जुड़ी रहती है। देश का युवा मेहनत करता है, सपने देखता है और अपने भविष्य के लिए संघर्ष करता है। लेकिन मोदी जी सिर्फ अपनी PR, सेलिब्रिटीज़ से अपना गुणगान करवाने और अरबपतियों के मुनाफे में व्यस्त हैं। युवाओं की उम्मीदों को तोड़ना और उन्हें हताश करना इस सरकार की पहचान बन चुकी है।
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नेता विपक्ष ने लिखा है- अब हालात बदल रहे हैं। भारत का युवा समझ चुका है कि असली लड़ाई सिर्फ नौकरियों की नहीं, बल्कि वोट चोरी के खिलाफ है। क्योंकि जब तक चुनाव चोरी होते रहेंगे, तब तक बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार भी बढ़ते रहेंगे। अब युवा न नौकरी की लूट सहेंगे, न वोट की चोरी। भारत को बेरोज़गारी और वोट चोरी से मुक्त करना ही अब सबसे बड़ी देशभक्ति है।

बेरोजगारी की भयावह हकीकत आंकड़े क्या कहते हैं? 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोजगारी की दर 2025 में थोड़ी घटी है, लेकिन युवाओं के बीच यह समस्या अभी भी गंभीर बनी हुई है। आधिकारिक पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के अनुसार, अगस्त 2025 में कुल बेरोजगारी दर 5.1% रही, जो जुलाई के 5.2% से कम है। अप्रैल 2025 में यह 5.1% थी, जबकि मई में 5.6% और जून में भी 5.6% रही। ग्रामीण क्षेत्रों में दर 4.3% तक लुढ़की, लेकिन शहरी इलाकों में यह 7.2% तक पहुंच गई।

हालांकि, स्वतंत्र एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़े अधिक चिंताजनक हैं। जून 2024 में यह 9.2% थी, जो मई के 7% से बढ़ी। युवा बेरोजगारी (15-29 वर्ष) की दर सबसे ज्यादा है—पीएलएफएस के अनुसार, अप्रैल 2025 में 13.8% और जुलाई में 16.5% तक रही। शहरी युवाओं में यह 19% से ऊपर है, जबकि महिलाओं में 20.1%। आर्थिक सर्वे 2025 के मुताबिक, 2023-24 में कुल दर 3.2% घटी, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़े 'अंडर-एम्प्लॉयमेंट' (कमी वाली नौकरियां) को नजरअंदाज करते हैं।

बेरोजगारी और राहुल गांधी का जेन ज़ी आह्वान 

यह बयान जेन जेड (1997-2012 में जन्मे युवा) को सीधे जोड़ रहा है, जो बेरोजगारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। राहुल ने कहा कि असली लड़ाई नौकरियों के लिए नहीं, बल्कि 'वोट चोरी' के खिलाफ है। यह आह्वान आंदोलन के लिए एक स्पष्ट बुलावा है, खासकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए, जहां पुलिस की लाठीचार्ज और पीएम मोदी की 'पीआर' गतिविधियों का कंट्रास्ट दिखाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जेन जेड को राजनीतिक रूप से सक्रिय करने की कोशिश है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं।

मोदी सरकार का 2 करोड़ नौकरियों का वादा: अधूरा सपना? 

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि उनकी सरकार हर साल 2 करोड़ नौकरियां पैदा करेगी। लेकिन 2025 तक यह वादा पूरा नहीं हो सका। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इसे 'भूल' चुकी है है। सरकारी दावे के अनुसार, 10 वर्षों में 17 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं, जिसमें ईपीएफओ, ईएसआईसी, रोजगार मेला और मुद्रा योजना शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में कहा कि मोदी 3.0 में पीएम विकसित भारत रोजगार योजना से 4 करोड़ नौकरियां आएंगी।
हालांकि, आलोचक इसे 'गुमराह करने वाला' बताते हैं। पीपुल्स डेमोक्रेसी रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 से 2023-24 तक केवल 2.5 करोड़ नौकरियां बनीं, जबकि 20 करोड़ की जरूरत थी। केंद्रीय नौकरियां भी ठेके पर आधारित हैं, और विपक्ष कहता है कि वादा 'झूठा' था। आर्थिक सर्वे भी स्वीकार करता है कि 2017-18 में 6% से घटकर 2023-24 में 3.2% हुई, लेकिन गुणवत्ता वाली नौकरियां कम हैं।

राहुल गांधी के बयान का बिहार कनेक्शन 

राहुल का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले आया है, जहां बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा है। बिहार में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। बीपीएससी (बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (दिसंबर 2024) में पेपर लीक के आरोपों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पटना के गर्दनीबाग में धरना चल रहा है, जहां छात्र रेल ट्रैक ब्लॉक कर रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई घायल हुए। प्राशांत किशोर जैसे नेता भी युवकों का समर्थन दे रहे हैं।
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बिहार में बेरोजगारी पर सर्वे क्या कहता है 

वोट वाइब सर्वे के अनुसार, बिहार में 32% लोग बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा मानते हैं, जबकि 'वोट चोरी' (SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को केवल 21%। राहुल की 'वोट चोरी' कैंपेन को महागठबंधन (कांग्रेस-आरजेडी) की रणनीति माना जा रहा है, जो तेजस्वी यादव के पेपर लीक और बेरोजगारी फोकस से मेल खाती है। विपक्ष का कहना है कि नीतीश कुमार सरकार दमनकारी है, जबकि भाजपा-जेडीयू इसे 'राजनीतिक साजिश' बता रही है।
यह मुद्दा बिहार चुनाव को प्रभावित कर सकता है, जहां युवा मतदाता निर्णायक हैं। राहुल की यात्रा और बयान से कांग्रेस मजबूत स्थिति में आ सकती है। इसी तरह आरजेडी का भी यही मुद्दा है।