कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के सीएम रेवंत रेड्डी ने बिना उनका नाम लिए करारा जवाब दिया है। दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक्स पर एक पुरानी तस्वीर साझा कर भाजपा और उसके वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संगठनात्मक शक्ति की तारीफ की। उस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक ब्लैक-एंड-व्हाइट तस्वीर थी, जिसमें वे भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास जमीन पर बैठे नजर आ रहे थे। 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार रात एक्स पर जवाब देते हुए सोनिया गांधी के नेतृत्व शैली की सराहना की। बिना दिग्विजय सिंह का नाम लिए उन्होंने लिखा, "सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में सेवा, समर्पण, नैतिकता और मूल्यों की झलक मिलती है। उनके नेतृत्व में तेलंगाना के एक दूरदराज के गांव से सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाले पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। सोनिया गांधी ने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को भी प्रधानमंत्री बनाया।" रेवंत रेड्डी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान निर्माण और लोकतांत्रिक संस्थाओं के निर्माण तक भारत के हर महत्वपूर्ण अध्याय को आकार दिया है। इसे कांग्रेस में योग्यता आधारित नेतृत्व की याद दिलाने वाला कदम माना जा रहा है।

"कल आपने बदमाशी कर दी।"

कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह की मुलाकात भी चर्चा में रही। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने मजाकिया अंदाज में दिग्विजय से कहा, "कल आपने बदमाशी कर दी।" इस पर सोनिया गांधी समेत आसपास के नेताओं की हंसी छूट गई।

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दिग्विजय सिंह ने क्या लिखा था

दिग्विजय सिंह ने पोस्ट में लिखा, "यह तस्वीर बहुत प्रभावशाली है... आरएसएस और जनसंघ (जिसे अब भाजपा कहा जाता है) के जमीनी कार्यकर्ता नेताओं के पैरों के पास बैठकर मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बन जाते हैं... यह संगठन की शक्ति है।" उन्होंने इस पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई वरिष्ठ नेताओं को टैग किया, जिससे इसे पार्टी नेतृत्व के लिए परोक्ष संदेश माना गया।


इस पोस्ट से कांग्रेस में हड़कंप मच गया। कई नेताओं ने इसे पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी पर तंज के रूप में देखा। विवाद बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी कि उन्होंने केवल संगठन की ताकत की तारीफ की है और आरएसएस-भाजपा की विचारधारा का घोर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं आरएसएस और मोदी जी की नीतियों का विरोधी था, हूं और रहूंगा।"

कांग्रेस की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "गोडसे के समर्थक गांधी के समर्थक नहीं हो सकते।" कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिना नाम लिए आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस कभी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगती। हालांकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ज़रूर दिग्विजय सिंह का समर्थन किया। कांग्रेस के कई नेताओं ने दोनों को उस संगठन या दल में जाने की सलाह दी, जिसकी वे तारीफ कर रहे हैं। दिग्विजय और थरूर पहले भी आरएसएस और मोदी सरकार की तारीफ करते रहे हैं।
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दूसरी ओर, भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाया। भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान ने कांग्रेस की 'पहली परिवार' वाली तानाशाही कार्यशैली को उजागर कर दिया है। भाजपा ने इसे कांग्रेस में आंतरिक कलह का प्रमाण बताया। यह विवाद दिग्विजय सिंह के लिए दूसरा बड़ा झटका है, क्योंकि हाल ही में उनके एक अन्य बयान पर भी पार्टी में असहमति जताई गई थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह कांग्रेस की संगठनात्मक चुनौतियों को रेखांकित करता है, खासकर लगातार चुनावी हार के बाद।