loader

थरूर को साउथ में नहीं मिल रहा कांग्रेसियों का समर्थन

केरल के बाद तमिलनाडु में भी शशि थरूर को कांग्रेसियों से वो समर्थन नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। थरूर गुरुवार 6 अक्टूबर को तमिलनाडु के 700 से अधिक कांग्रेस प्रतिनिधियों का समर्थन लेने के लिए चेन्नई में थे, जिन्हें चुनाव में वोट डालना है। लेकिन चेन्नई में पार्टी के राज्य मुख्यालय, सथियामूर्ति भवन में सिर्फ 12 प्रतिनिधि शामिल हुए। इससे पहले केरल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरण ने खड़गे की उम्मीदवारी का खुला समर्थन किया था। जबकि केरल थरूर का अपना राज्य है।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर प्रतिनिधि इसलिए थरूर की बैठक में नहीं आए ताकि उन्हें 'आधिकारिक' उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ नहीं मान लिया जाए। स्पष्ट रूप से खड़गे वो उम्मीदवार हैं, जिन्हें गांधी परिवार की मंजूरी मिली हुई है। इस पद के लिए दौड़ में सबसे आगे चल रहे अशोक गहलोत के रेस से बाहर होने के बाद खड़गे सामने आए थे।

ताजा ख़बरें
थरूर ने चेन्नई में मीडिया से कहा, अगर वे मेरी बैठक में शामिल होने से डरते हैं तो यह उनका नुकसान है। हम पार्टी के लिए रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान कर सकते थे। उन्होंने कहा, गांधी परिवार ने स्पष्ट किया है कि उनके पास कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है। हम इस मिथक को दूर करेंगे कि खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार हैं।

थरूर अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले कांग्रेस के पहले नेता थे। उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ऐसा किया था।

पिछले हफ्ते एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा था कि श्रीमती गांधी ने उनसे कहा, आपका चुनाव लड़ने के लिए स्वागत है। कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं होगा क्योंकि उसका पूरा परिवार तटस्थ रहेगा, सोनिया ने उन्हें आश्वासन दिया था।

हालांकि गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष के रूप में चाहता था लेकिन गहलोत ने संकेत दिया कि वह राजस्थान से बाहर जाने के खिलाफ थे। राहुल गांधी द्वारा यह स्पष्ट करने के बाद कि पार्टी अपने "एक आदमी एक पद" नियम पर कायम रहेगी, गहलोत के अनुयायियों ने एक खुला विद्रोह शुरू किया। प्रमुख केंद्रीय नेताओं और गांधी परिवार से नाराज होकर गहलोत ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे, जिन्हें अंतिम समय में आगे किया गया, ने सुझाव दिया था कि एक "आम सहमति वाला उम्मीदवार" होना चाहिए।

थरूर, 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग करने वाले जी 27 नेताओं के समूह का हिस्सा थे। लेकिन जब उम्मीदवारी की बात आई तो जी 27 के अधिकांश नेताओं ने खड़गे का समर्थन किया।

एक सवाल के जवाब में कि कैसे कांग्रेस ने पूरे भारत में खुद को कमजोर किया, थरूर ने कहा, मैं राज्य के नेताओं को मजबूत करने के पक्ष में हूं। मेरा मानना ​​​​है कि एक मजबूत राज्य नेतृत्व कांग्रेस को एक मजबूत नींव देगा। 50 और 60 के दशक में जब जवाहरलाल नेहरू एक बहुत मजबूत प्रधान मंत्री थे, हमारे पास बहुत मजबूत मुख्यमंत्री थे, तमिलनाडु में कामराज, बंगाल में बीसी रॉय और अतुल्य घोष, महाराष्ट्र में एसके पाटिल और वाईबी चव्हाण जैसे मजबूत सीएम थे। उत्तर प्रदेश में गोविंद वल्लभ पंत का नाम था। हमारे पास राज्य के मजबूत नेताओं के कई उदाहरण थे और राष्ट्रीय पार्टी को इससे नुकसान नहीं हुआ, बल्कि इससे फायदा हुआ।

राजनीति से और खबरें
उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी में चले गए पूर्व कांग्रेस नेताओं को लौटने के लिए आमंत्रित करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें