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बंगाल में गठबंधन नहीं चलने का एकमात्र कारण अधीर रंजन: टीएमसी

पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं चल पाने की वजह क्या सिर्फ़ अधीर रंजन चौधरी हैं? कम से कम टीएमसी का तो यही आरोप है। ममता बनर्जी की पार्टी ने गठबंधन के सफल न होने के लिए राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है। राज्यसभा में तृणमूल के संसदीय दल के नेता और इसके मुख्य प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन ने कहा है कि अधीर रंजन चौधरी ने बार-बार इंडिया गठबंधन के ख़िलाफ़ बोला है और पश्चिम बंगाल में गठबंधन नहीं चल पाने का कारण वह हैं।

डेरेक ओब्रायन ने कहा, 'आम चुनाव के बाद अगर कांग्रेस अपना काम करती है और पर्याप्त संख्या में सीटों पर भाजपा को हराती है तो तृणमूल कांग्रेस उस मोर्चे का हिस्सा होगी जो संविधान में विश्वास करता है और उसके लिए लड़ता है।'

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डेरेक ओब्रायन का यह बयान तब आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि उनकी पार्टी बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी। सीट बँटवारे को लेकर पेच फँसे होने की आ रही ख़बरों के बीच बुधवार को ममता बनर्जी ने कहा था, 'कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हम अकेले ही बीजेपी को हराएंगे। मैं इंडिया गठबंधन का हिस्सा हूँ।'

पश्चिम बंगाल से गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर ममता ने कहा था, 'मैं इंडिया गठबंधन का हिस्सा हूँ। हालाँकि, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा हमारे राज्य से गुजर रही है लेकिन हमें इसके बारे में बताया नहीं गया है।' उन्होंने कहा था, "शिष्टाचार के नाते उन्हें मुझे बताना चाहिए था कि 'दीदी मैं आपके राज्य में आ रहा हूं।' बीजेपी को हराने के लिए हम जो भी कर सकते हैं करेंगे।"

इसके बाद कांग्रेस ने स्थिति संभालने की कोशिश की। जयराम रमेश ने बुधवार को कहा था, 'ममता बनर्जी ने कहा है कि हम बीजेपी को हराना चाहते हैं और हम बीजेपी को हराने के लिए कुछ भी करेंगे।' उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही साफ़ कहा है कि ममता जी और टीएमसी इंडिया गठबंधन की बहुत मजबूत स्तंभ हैं। हम ममता जी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते। इंडिया गठबंधन पश्चिम बंगाल में एक गठबंधन की तरह लड़ेगा और उम्मीद है कि भविष्य में टीएमसी के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत सफल होगी।।'
कांग्रेस के इस बयान के बाद भी टीएमसी की ओर से सकारात्मक संदेश नहीं आया। इसने गठबंधन की इस स्थिति के लिए बंगाल में कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को ज़िम्मेदार ठहराया।

मामला तब चरम बिंदु पर पहुंच गया जब अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल प्रमुख को अवसरवादी नेता कहा और कहा कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। इंडिया गठबंधन की बैठकों में तृणमूल और कांग्रेस नेतृत्व के एकजुट होने के बावजूद अधीर रंजन चौधरी ने राज्य स्तर पर ममता बनर्जी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं गंवाया।

सीट बँटवारे को लेकर इस महीने की शुरुआत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, 'हमने भीख नहीं मांगी। ममता बनर्जी ने खुद कहा कि वह गठबंधन चाहती हैं। हमें ममता बनर्जी की दया की ज़रूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। ममता बनर्जी वास्तव में गठबंधन नहीं चाहतीं क्योंकि वह पीएम मोदी की सेवा में व्यस्त हैं।'

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बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार टीएमसी दो सीटें कांग्रेस को देने को तैयार थी, लेकिन कांग्रेस की ओर से 10 सीटों की मांग की जा रही थी।

हाल ही में तृणमूल सुप्रीमो के खिलाफ अधीर रंजन चौधरी के बयान को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने दो दिन पहले ही कहा था, 'ममता बनर्जी मेरी और हमारी पार्टी की बहुत करीबी हैं। कभी-कभी हमारे नेता कुछ कहते हैं, उनके नेता कुछ कहते हैं और यह चलता रहता है। यह एक स्वाभाविक बात है। इस तरह की टिप्पणियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ये ऐसी चीजें नहीं हैं जो चीजों को बाधित करने वाली हैं।'

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क़मर वहीद नक़वी
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