अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर क्यों बैठे नवजोत सिंह सिद्धू? क्या है रणनीति?
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के पहले राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं और राजनीतिक दलों ने एक -दूसरे को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। जब से आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव में दिलचस्पी ली है, वह पंजाब कांग्रेस के निशाने पर है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री व 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए।
दरअसल, वहाँ, दिल्ली सरकार में ठेके पर काम करने वाले शिक्षक स्थायी शिक्षकों के बराबर वेतनमान की माँग के समर्थन में केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर पहले से ही हैं। रविवार को
सिद्धू भी वहाँ पहुँच गए, उनके प्रति समर्थन जताया और वहीं उनके बीच ही धरने पर बैठ गए।
सिद्धू के सवाल
इतना ही नहीं, सिद्धू ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की आलोचना करते हुए ट्वीट भी कर दिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "आपने 2015 में के चुनाव घोषणा पत्र में दिल्ली में आठ लाख नौकरियों और 20 नए कॉलेजों का एलान किया था। कहाँ हैं वे नौकरियाँ? आपने दिल्ली में सिर्फ 440 नौकरियाँ दी हैं।"
क्या कहना है शिक्षकों का?
इस पूरे विवाद में ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन भी कूद पड़ा है, जिसने पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री को उनकी तीसरी गारंटी की याद दिलाई। पंजाब कांग्रेस- 'आप'
दरअल 'आप' और पंजाब कांग्रेस एक दूसरे पर लगातार हमले करते आए हैं। सिद्धू के घरने पर बैठने के पहले 'आप' के राघव चड्ढा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर कथित अवैध बालू खनन का मुद्दा उठाया था।
सिद्धू की तारीफ की थी केजरीवाल ने?
दिलचस्प बात यह है कि इसके पहले अरविंद केजरीवाल ने नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ की थी। यह बात और है कि वह इस बहाने पंजाब कांग्रेस को निशाने पर ले रहे थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था, 'सिद्धू जनता के मुद्दों को उठा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें दबाने पर तुली है।'
उन्होंने कहा था, "सिद्धू ने मंच पर जो कहा, मैं उनकी बहादुरी की सराहना करता हूँ। चन्नी कह रहे थे कि 'मैंने राज्य में रेत माफ़िया को ख़त्म कर दिया है और रेत की कीमतें 5 रुपये प्रति किलो तक कम कर दी हैं। इस पर तुरंत, सिद्धू ने कहा था कि 'नहीं ... यह झूठ है, यह दर अभी भी 20 रुपए है।"
केजरीवाल ने सिद्धू की तारीफ करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पंजाब में 2017 के चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। याद दिला दें कि यही बात सिद्धू तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बारे में कहा करते थे, जो उनकी ही पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री थे।