पंजाब में मोहल्ला क्लिनिक का उद्घाटन करते सीएम भगवंत मान।
द ट्रिब्यून के मुताबिक न सिर्फ कर्मचारी बल्कि ग्राम पंचायतें भी इसका कड़ा विरोध कर रही हैं। बरनाला के सेहना और पाखो, रोपड़ के डुमना, एसएएस नगर के छत, मोगा के ढल्के, मनसा के धाईपाई और मलेरकोटला के बनभौरा सहित कई गांवों में सरकार और ग्रामीणों के बीच आमना-सामना हुआ।
द ट्रिब्यून के मुताबिक सरकार के फैसले का असर फार्मासिस्टों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों पर पड़ेगा जिन्हें कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर क्रमश: 10,000 रुपये और 6,000 रुपये के मामूली वेतन पर रखा गया है। वे नौकरी करने में इसलिए सक्षम थे क्योंकि उनमें से ज्यादातर उसी या आसपास के गांवों से थे। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करने के साथ ही उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों में ट्रांसफर कर दिया गया था, जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ गया है।