loader

पायलट कांग्रेस में फिर से भरोसा जताते हैं तो स्वागत करूंगा: गहलोत

राजस्थान में अपनी सरकार को बचाने की जद्दोजहद में जुटे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पार्टी के बाग़ी नेता सचिन पायलट को लेकर तेवर ढीले पड़ते दिख रहे हैं। पायलट को नाकारा, निकम्मा, धोखेबाज़ तक कहने वाले गहलोत के सुर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ बातचीत में नरम दिखाई दिए। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के इस सवाल पर कि क्या उनकी सरकार स्थिर है, ‘गहलोत ने कहा कि इस संकट का राज्य सरकार की परफ़ार्मेंस से कोई लेना-देना नहीं है। यह परेशानी सचिन पायलट और कुछ विधायकों की महत्वाकांक्षा के कारण खड़ी हुई है। ये लोग बीजेपी के हाथों में खेल रहे हैं लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के पास पूरा बहुमत है।’ 

ताज़ा ख़बरें

यह पूछे जाने पर कि पायलट ने आपके ख़िलाफ़ बग़ावत क्यों की, गहलोत ने एक बार फिर कहा कि पार्टी ने पायलट को कम उम्र में बहुत कुछ दिया लेकिन अपनी अति महत्वाकांक्षा के कारण वह ग़लती कर गए। 

पायलट के साथ क्या उनके रिश्ते सुधर सकते हैं, यह पूछने पर गहलोत ने कहा, ‘यह पायलट के आगामी क़दमों और हाई कमान के फ़ैसले पर निर्भर करेगा। लेकिन अगर वे वापस आने का फ़ैसला करते हैं और फिर से कांग्रेस में भरोसा जताते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा।’ 

राजस्थान से और ख़बरें

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के इस सवाल के जवाब में कि जब आप मुख्यमंत्री बने थे तो केंद्रीय नेतृत्व ने आपसे कहा था कि साढ़े तीन-चार साल बाद राज्य में चेहरा बदला जाएगा, गहलोत ने कहा कि मीडिया में इसे लेकर कई तरह की अटकलें और बातें हैं और इनका कोई आधार नहीं है। 

पायलट के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को लेकर आपके पास क्या आधार है, यह पूछने पर गहलोत ने कहा, ‘मुझे इस बारे में छह महीने से ज़्यादा समय से सूचना मिल रही थी। राज्य सरकार की एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।’ 

गहलोत ने कहा कि पायलट को पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान दिया गया। अपने बेटे वैभव गहलोत को प्रमोट करने को लेकर पूछे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पूरी तरह बेबुनियाद आरोप है।
गहलोत के नरम पड़ने का कारण यही हो सकता है कि वह जानते हैं कि उन्हें साढ़े तीन साल और सरकार चलानी है और उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है जबकि बहुमत का जादुई आंकड़ा 101 है। ऐसे में उनके लिए बहुत आराम वाली स्थिति नहीं है। इसलिए वह जानते हैं कि पायलट के समर्थक बाग़ी विधायकों का भी समर्थन उनके लिए बेहद ज़रूरी है और यह तभी हो सकता है जब पायलट फिर से सरकार चलाने में सहयोग दें। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें