राजस्थान में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के मामले में बीजेपी हाई कोर्ट पहुंच गई है। बीजेपी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अदालत से इस मामले में दखल देने की मांग की है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मांग की है कि हाई कोर्ट विधानसभा स्पीकर को इस मामले में फैसला लेने का निर्देश दे।
क्या है पूरा मामला?
इस साल सितंबर महीने में जब जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी तो बड़ी संख्या में विधायक बैठक में नहीं पहुंचे थे। उन्होंने हाईकमान को आंख दिखाते हुए अलग से बैठक की थी और उसके बाद विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे। माना गया था कि इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 80 के करीब थी और इन सभी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है।
बीजेपी ने कई बार सवाल उठाया है कि इन इस्तीफों को लेकर विधानसभा स्पीकर ने क्या फैसला किया है, इस बारे में बताया जाए।
![Rajasthan Congress crisis Ashok Gehlot Loyalists Resignations - Satya Hindi Rajasthan Congress crisis Ashok Gehlot Loyalists Resignations - Satya Hindi](https://satya-hindi.sgp1.cdn.digitaloceanspaces.com/app/uploads/26-09-22/63318f65742a9.jpg)
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस्तीफ़ा देने वाले विधायकों की संख्या 91 बताई है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए जिससे राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट पर संवैधानिक स्थिति स्पष्ट हो सके। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायक दल ने 18 अक्टूबर को स्पीकर को इस मामले में पत्र भी लिखा था।
राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि उन्होंने 19 अक्टूबर, 12 नवंबर और 21 नवंबर को स्पीकर को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए कुछ फैसलों का का उल्लेख किया था।
उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या राजस्थान की सरकार बहुमत में है या नहीं। उन्होंने कहा है कि वह हाई कोर्ट से यह अपील करेंगे कि वह विधानसभा स्पीकर को निर्देश दे कि वह कारण बताएं कि आखिर क्यों विधायकों के इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
![Rajasthan Congress crisis Ashok Gehlot Loyalists Resignations - Satya Hindi Rajasthan Congress crisis Ashok Gehlot Loyalists Resignations - Satya Hindi](https://satya-hindi.sgp1.cdn.digitaloceanspaces.com/app/uploads/30-11-22/63872e3470aef.jpg)
कांग्रेस में उथल-पुथल
सितंबर की घटना के बाद कांग्रेस के भीतर भी अच्छी खासी उथल-पुथल हुई थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के द्वारा साल 2020 में की गई बगावत को गद्दारी बताने के बाद यह और तेज हो गई है।
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी रहे अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वह इस बात से नाराज थे कि अनुशासनहीनता करने वाले महेश जोशी, राजेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल को सिर्फ नोटिस जारी किया गया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश
हालांकि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से ठीक पहले फिर से शुरू हुई अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों की सियासी लड़ाई को खत्म करने की कोशिश एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान ने की है। कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल मंगलवार को जयपुर पहुंचे थे और उन्होंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के हाथ खड़े करवा कर यह संदेश देने की कोशिश की कि राजस्थान कांग्रेस में अब डैमेज कंट्रोल कर लिया गया है।
अपनी राय बतायें