करौली में धरने पर बैठे परिवार के साथ भाजपा नेता।
हैवानियत का शिकार दलित लड़की
पीड़िता बीए की छात्रा थी, जबकि उसकी दो बहनें और एक भाई सभी नाबालिग हैं। उनके पिता पिछले छह साल से दुबई में मजदूरी कर रहे हैं।
स्थानीय पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। प्रथम दृष्टया, पुलिस ने माना कि लड़की की डूबने से मौत हुई है। सीएमओ पुष्पेंद्र गुप्ता के मुताबिक, गुरुवार शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच हिंडौन के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
परिवार के साथ बैठी भाजपा की पूर्व हिंडौन सिटी विधायक राजकुमारी जाटव ने दावा किया, ''चूंकि कुछ महीनों में चुनाव होने हैं और विधानसभा सत्र चल रहा है, इसलिए कांग्रेस सरकार मामले को दबाना चाहती है। अगर हमने मुद्दा नहीं उठाया होता तो प्रशासन ने परिवार के साथ मामला सुलझा लिया होता और अंतिम संस्कार भी कर दिया गया होता।'
जबरदस्त राजनीतिः इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को भाजपा, कांग्रेस, बसपा और आप के कार्यकर्ताओं की अस्पताल में भीड़ जमा हो गई। एक तंबू के नीचे बसपा नेता राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के आने का इंतजार कर रहे थे, दूसरे तंबू के नीचे आप नेताओं ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ नारे लगाए, जबकि परिवार के लोग अस्पताल में भाजपा कार्यकर्ताओं से घिरे हुए थे। जैसे ही बसपा नेताओं ने परिवार को ले जाने की कोशिश की, भाजपा सदस्यों ने यह कहते हुए विरोध किया कि जो कोई भी परिवार से मिलना चाहता है उसे यहां आना होगा। एक बसपा नेता ने परिवार को समझाने की कोशिश की और कहा कि "गांव से पहले हमारा समुदाय है।" लेकिन इसका भी भाजपा कार्यकर्ताओं सहित परिवार के आसपास के लोगों ने विरोध कर दिया। परिवार को बीएसपी टेंट में लाने की कोशिशें नाकाम होने के बाद सांसद रामजी गौतम पहुंचे और लड़की की मां के पास बैठ गए। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा की कुछ स्थानीय निवासियों से उस समय बहस हो गई जब उन्होंने उनसे कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर रहे हैं। लोकल लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भगवान और रामजी गौतम को महिला के बगल में बैठने के बमुश्किल एक मिनट बाद वहां से जाने के लिए मजबूर किया।