विधायक ने लिखा है कि प्रदेश में दलितों और वंचितों को मटके से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने के नाम पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है।
मेघवाल ने लिखा है कि ऐसे में अंतरात्मा की आवाज पर वह विधायक के पद से इस्तीफा दे रहे हैं।मुख्यमंत्री उनका इस्तीफा स्वीकार करें ताकि वह बिना पद के ही अपने समाज की सेवा कर सकें।