मिटा दो प्यार को कि उसे इश्क नाम मत दो
तनिष्क का बहिष्कार करने वाले क्या ताजमहल को त्याग देंगे?
- पाठकों के विचार
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- 29 Mar, 2025

तनिष्क 'एकत्वम' का बहिष्कार क्यों किया गया? क्या इसलिए कि इसने हिंदू-मुसलिम एकता का संदेश दिया। क्या नफरत की बुनियाद पर भारत की कल्पना की जा सकती है?
मोहब्बत कह देने से क्या जज्बात बदलते हैं
इश्क का ढाई है तो प्यार ने भी ढाई ही पाया है
खुले आसमान की उड़ान को बाँहों में मत समेटो।
विज्ञापन में अपील का बड़ा महत्व होता है। अपील यानी उस दिखावट में आपके मन के किसी भाव को इस तरह छूना कि बस आप एड देखते ही मुरीद हो जाएँ। हमें तो बस फलाँ चीज़ चाहिए ही अभी। सलाम है उस इंसान को जिसने बड़ी ख़ूबसूरती से तनिष्क के इस विज्ञापन को क्राफ्ट किया। दिल की जिस रग को वो छूना चाहता था बस वहीं जाकर तेज़ी से दबा दिया। असर इतना कि हिंदुस्तान भर का मीडिया ख़ासकर सोशल मीडिया पर बहस का एक मज़बूत टॉपिक मिल गया।