loader

एक समय लगा था नीरज चोपड़ा टोक्यो जा ही नहीं पाएंगे

टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) में स्वर्ण पदक झटक कर नीरज चोपड़ा अभिनव बिंद्रा के साथ उन दो लोगों की विरल श्रेणी में शामिल हो गए, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में भारत के लिए सोना जीता है।

लेकिन यह रास्ता बहुत आसान नहीं था और एक समय तो ऐसा भी आया था जब लगा था कि नीरज टोक्यो जा ही नहीं पाएंगे।

घायल टूटे हुए नीरज से स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज की कायापलट दिलचस्प ही नहीं रोमांचक भी रही है। 

ख़ास ख़बरें

टोक्यो के स्टेडियम में शनिवार को जब भारत का राष्ट्र गीत बजाया गया तो लोगों को 13 साल पहले की वह घटना याद आई जब बीजिंग में ऐसा ही हुआ था और बिंद्रा ने शूटिंग में सोना जीत कर इतिहास रच दिया था। 

वही इतिहास नीरज चोपड़ा ने भी रचा क्योंकि अब तक किसी ओलंपिक में किसी भारतीय को ट्रैक एंड फ़ील्ड इवेंट में स्वर्ण पदक नसीब नहीं हुआ था। 

टोक्यो ओलंपिक 2020 का जैवलिन थ्रो इवेंट बहुत ही बड़े उलटफेर और रोमांच से शराबोर इसलिए भी रहा कि सबसे मजबूत दावेदार जर्मन एथलीट जोहानस वेटेर फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई भी नहीं कर सके।

हैरत में लोग

लेकिन, नरीज ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर सबको हैरत में डाल दिया। 

लेकिन यह बहुत आसान सफर नहीं था। दोहा में 2019 में होने वाले विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए उन्होंने 2018 में क्वालीफ़ाई किया तो पहली बार नीरज के मन में ओलंपिक का विचार आया। 

नीरज चोपड़ा को 2018 में दाहिनी कुहनी में चोट लगी और उन्हें ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। वह लगभग पूरे 2019 ही खेलों से दूर रहे। ऐसा लगने लग था कि पता नहीं वह कब फ़ील्ड में वापस लौटेंगे।

87.86 मीटर

लेकिन दक्षिण अफ्रीका के पोचेफ्स्ट्रूम में उन्होंने 87.86 मीटर तक भाला फेंक कर सबको ग़लत साबित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली।

उसके बाद कोरोना लॉकडाउन का बुरा वक़्त भी आया और टोक्यो ओलंपिक जिसे 2020 में ही होना था, टाल दिया गया। 

नीरज चोपड़ा ने सबसे पहले 2016 के अंडर 20 चैंपियनशिप में अपनी छाप छोड़ी। इसके अगले ही साल भुबनेस्वर में हुए एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीत कर यह एलान कर दिया कि वे अब वरिष्ठ श्रेणी में भी पहुँच चुके हैं। 

Tokyo Olympics 2020 : neeraj chopra olympics gold journey - Satya Hindi

चोपड़ा ने 2918 में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स, दोनों ही प्रतिस्पर्द्धाओं में सोना जीत कर अपनी दावेदारी पक्की कर ली। लेकिन उसके बाद ही उन्हें चोट लगी और दाहिनी कुहनी का ऑपरेशन करवाना पड़ा। 

अभी नीरज चोपड़ा 23 साल के हैं और उनमें बहुत खेल बचा हुआ है। आने वाले दिनों में वे और बेहतर कर सकते हैं और उनका फेंका गया भाला ज़्यादा दूरी तय कर और सोना बटोर सकता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

खेल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें