मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह के भोपाल में सरकारी घर का पता एक बार फिर ‘बी- 1’ श्यामला हिल्स हो गया है।
शिवराज ने दिग्विजय को बंगले से निकाला था, कमलनाथ ने लौटाया
- मध्य प्रदेश
- |
- 29 Mar, 2025
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह के भोपाल में सरकारी घर का पता एक बार फिर ‘बी- 1’ श्यामला हिल्स हो गया है। अब शिवराज सिंह चौहान क्या होगा?

दिग्विजय सिंह 19 अगस्त को भोपाल में ‘बेघर’ हो गए थे। पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर दिए जाने के मध्य प्रदेश सरकार के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ अदालत से आए फ़रमान के मद्देनज़र उनसे यह सरकारी बंगला शिवराज सरकार ने खाली करवा लिया था। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिए गए आदेश के बाद राज्य के गृह विभाग ने बी-1 बंगला सिंह को अलॉट करने संबंधी आदेश बुधवार को जारी कर दिया।
- मध्य प्रदेश सरकार के नियम और परंपराओं के तहत राज्य के पाँच पूर्व मुख्यमंत्रियों मोतीलाल वोरा, कैलाश जोशी, उमा भारती, बाबूलाल गौर और दिग्विजय सिंह को भोपाल में सरकारी बंगले मिले हुए थे। वोरा अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। साल 2000 में छत्तीसगढ़ बन जाने के बाद भी उन्हें 74 बंगला क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के घर के ठीक बाजू में सरकारी घर अलॉट रहा। वे इक्का-दुक्का बार ही इस बंगले में आए। जब छत्तीसगढ़ नहीं बना था तब उनके विधायक पुत्र अरुण वोरा का यह ठिकाना रहा।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी घर और सुविधाओं को लेकर कोर्ट कचहरी का सिलसिला तेज़ होने पर मोतीलाल वोरा ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवंटित सरकारी घर काफ़ी पहले ख़ाली कर दिया था। बाद में कोर्ट का फ़ैसला आने पर जोशी, भारती और गौर अपने घर बचाने में जुट गए थे। तत्कालीन बीजेपी सरकार ने बंगलों का आवंटन नए सिरे से इन्हें कर दिया था। शिवराज सरकार चाहती थी कि दिग्विजय सिंह भी आवेदन दे दें, रास्ता ‘निकाल’ लिया जाएगा।
दिग्विजय सिंह ने आवेदन नहीं किया था। वे चाहते थे सरकार बिना आवेदन ही रास्ता निकाल ले। राज्यसभा सदस्य के नाते वे बंगले के आवंटन के पात्र थे। अंत में दिग्विजय सिंह को 19 अगस्त 2018 को सरकारी बंगला छोड़ देना पड़ा था। उन्होंने अपना साजो-समान ट्रकों में लादकर राघौगढ़ भिजवा दिया था। चुनावों के बीच और आचार संहिता लगने के बाद उन्होंने भोपाल में एक अदद ‘घर मोर्चे’ को जैसे-तैसे साधा। ख़ूब ख़बरें बनीं।