क्या मुसलमान कोरोना के जानलेवा ख़तरे को नहीं समझ रहा? क्या वो जानबूझ कर अपनी जान देने पर आमादा है? और सबसे बड़ी बात कि आख़िर वो इतने ग़ुस्से में क्यों है?