सिर्फ़ दलित-पिछड़ों की पैरोकार कही जाने वाली पार्टियों या समूहों को ही नहीं, कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को भी आज डॉ. अम्बेडकर की वैचारिकी से रोशनी लेने की ज़रूरत है।