क्या रूस-चीन-अमेरिका के परमाणु होड़ में भारत फँस जाएगा? इससे भारत को रणनीतिक स्तर पर फ़ायदा है या नुक़सान? क्या आज के युग में परमाण हथियारों की ज़रूरत है?