रफ़ाल सौदे पर भारतीय राजनीति में तूफ़ान मचा है। कहीं ‘सबसे बड़े घोटाले’ का शोर है तो कहीं ‘राष्ट्रहित के सौदे’ का गुणगान। तो सच क्या है?