चुनाव में बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को राष्ट्रीयता का जामा पहना कर मैदान में उतरी तथा विपक्ष जातीय समीकरण को संघीय व्यवस्था का मुखौटा पहनाकर।