आज़ादी के बाद देश को सत्तर साल हो गये हैं, लेकिन इसके नेता एक किशोर की भाषा बोलते हैं। राष्ट्र व्यस्क हो गया है, लेकिन इसके नेता एक बुरे नौसिखिये की तरह आपस में लड़ते हैं।