देवरस और गोलवलकर का राजनीति के प्रति कैसा नज़रिया था? पढ़िए, एका वेस्टलैंड के प्रकाशन और विजय त्रिवेदी द्वारा लिखी गई किताम ‘संघम् शरणम् गच्छामि’ पुस्तक के अंश।