महानगरों से निकल गाँव पहुँचे लाखों मज़दूरों ने साबित कर दिया है कि भारत में कोरोना का महासंक्रमण नहीं हो सकता। तो अब लॉकडाउन को पूरी तरह कब और कैसे ख़त्म करेगी सरकार? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. जे पी मूलियिल बता रहे हैं कि लॉकडाउन की ज़रूरत क्यों नहीं थी। कोरोना से लड़ने की नीति बनाने वाले अब भी क्या ग़लती कर रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
डिमेंशिया के शिकार आनंद को अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं किया गया? उसकी मौत कई सवाल खड़ा करती है। उधर वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. सुधीर त्यागी बता रहे हैं कि कोरोना से कौन सुरक्षित है और किसको ख़तरा है। शैलेश की रिपोर्ट।
क़रीब दो महीनो से देश की 135 करोड़ आबादी को डर के माहौल में जीने के लिए मजबूर करने के बाद सरकार भी अब मानने लगी है कि हर्ड इम्यूनिटी यानी सामूहिक प्रतिरक्षा से ही कोरोना ख़त्म होगा। देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लॉकडाउन के बाद कोरोना के अलावा सभी रोगों के मरीज़ उपेक्षित हैं। कोरोना से हर दिन क़रीब डेढ़ सौ और बाक़ी रोगों से क़रीब 18 हज़ार लोग मरते हैं। कैंसर विशेषज्ञ डा. सुधीर रावल से इंटरव्यू पर शैलेश की रिपोर्ट।
भारत में कोरोना से हर दिन सौ से डेढ़ सौ मौत हो रही हैं लेकिन बाक़ी बीमारियों से हर दिन होने वाली मौत 18 हज़ार से ज़्यादा हैं। उनकी उपेक्षा क्यों ? शैलेश की रिपोर्ट
कोरोना पर नीति बनाने का काम ब्यूरोक्रेसी और नेताओं ने हथिया रखा है। लोगों के मन से डर निकालने के लिए डाक्टर क्यों नहीं बोल रहे हैं। शैलेश की रिपोर्ट
अब सरकार को ये बताना होगा कि किन आँकड़ों के आधार पर लॉक डाउन बढ़ाया गया है। शैलेश की रिपोर्ट।
भारत के आँकड़ों से साफ़ है कि यहाँ कोरोना से ज़्यादा मौत नहीं हो रही हैं। लेकिन सरकार अमेरिका की पिछलग्गू बनी हुई है। शैलेश की रिपोर्ट
क्या आत्महत्या बढ़ने का कारण लॉकडाउन है। क्या पति-पत्नी के झगड़े का कारण घर में बंद रहना है। इंग्लैंड के मनोचिकित्सक डा. अशोक जैनर की राय देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
क्या भारत को अमेरिका और यूरोप के आंकड़ों से डरना चाहिए। क्या कोरोना से डर सिर्फ़ एक भ्रम साबित होगा। देखिए, एक वरिष्ठ डाक्टर का खुलासा शैलेश की रिपोर्ट में।
कोरोना के बहाने प्राईवेट अस्पतालों में इलाज अब भी ठप है। आने जाने पर रोक है ही। क्या सरकार मूल अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी में है। शैलेश की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्यों मान लिया है कि दो साल तक कोरोना संक्रमण जारी रह सकता है। किसके लिए हो लॉक डाउन। शैलेश की रिपोर्ट
कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपने प्रवासी मज़दूरों और छात्रों को अपने घर क्यों वापस नहीं आने देना चाहते हैं। किससे डरे हुए हैं मुख्यमंत्री। शैलेश की रिपोर्ट।
भारत सरकार को सलाह देने वाली एक संस्था ने पूरे देश में लॉक डाउन की जगह बहुत ज़्यादा संक्रमण की आशंका वाली छोटी जगहों के लॉक डाउन की सलाह क्यों दी है। शैलेश की रिपोर्ट।
क़ोरोना हारेगा। ये तय है। लेकिन देश में 12 करोड़ बेरोज़गारों के सामने खाने का संकट बढ़ रहा है। सरकार के पास लॉक डाउन से एग्ज़िट पॉलिसी अबतक नहीं है। शैलेश की रिपोर्ट
लॉक डाउन ख़त्म करने को लेकर केंद्र और राज्यों की सरकारें दुविधा में हैं और बदहाल होती अर्थ व्यवस्था माध्यम वर्ग को भी संकट में डालने की तरफ़ बढ़ रही है। शैलेश की रिपोर्ट।
केंद्र सरकार लॉकडाउन एक और दो की सफलता के ढोल पीट रही है। लेकिन सच्चाई ये है कि ग़लत नीतियों के करण इसका मक़सद पूरा नहीं हुआ।
दिल्ली के मशहूर कार्डिओलोजिस्ट डॉ. राजीव राजपूत ने बताया कि दिल के मरीज़ों के लिए कोरोना क्यों ज़्यादा ख़तरनाक। शैलेश की रिपोर्ट।
मुंबई के मशहूर डॉ. अशोक सिंह बता रहे हैं किसके लिए कोरोना ख़तरनाक है और कौन सुरक्षित है। शैलेश की रिपोर्ट
जब देश में कोरोना टेस्ट किट की ज़बरदस्त कमी है तब चीन से आयातित किट को लौटना पड़ा। किट ख़राब है या कोई घोटाला हुआ। शैलेश की रिपोर्ट।
अमेरिका में भारतीय मूल के एक डॉक्टर का कोरोना की दवा खोजने का दावा और ब्रिटेन में वैक्सीन की खोज पर शैलेश की रिपोर्ट।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोरोना संक्रमण का पीक 1 से 19 मई के बीच आएगा। तब 5 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं।
पत्नी और पति दोनो कोरोना से बीमार हुए। बच्चे भी हैं। फिर भी घर में रह कर कोरोना का सामना किया डॉक्टर दंपति ने। शैलेश की रिपोर्ट।
80% लोगों के लिए कोरोना एक साधारण वायरल बुख़ार है। शैलेश को बता रहे हैं ब्रिटेन के डॉक्टर रमनिक माथुर जो बच्चों के बीच कोरोना से लड़े।
ब्रिटेन के डा. सौरभ सागर मेहता कोरोना संक्रमण के बाद भी परिवार के साथ घर में रहे। शैलेश से बातचीत में ड़ा. मेहता बता रहे हैं कि वह कैसे ठीक हुए।