मोदी सरकार इस बार अधिक बहुमत के साथ सत्ता में आयी है। ऐसे में अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या वह पिछली बार की तरह अपने दूसरे कार्यकाल में भी प्राथमिकता ज़मीन अधिग्रहण क़ानून को बदलने को ही देगी?