क्या उत्तराखंड धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? उन्हें सज़ा मिलेगी या मामला रफा दफा कर दिया जाएगा?