तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (SIR) एक सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगा। निर्वाचन आयोग ऑफ इंडिया (ECI) ने शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट को यह आश्वासन दिया। यह जानकारी एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान दी गई, जिसमें चेन्नई के टी. नगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं की शिकायत की गई थी।
याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मणिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की बेंच में सुनवाई हुई। याचिका पूर्व अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कढ़गम (AIADMK) विधायक बी. सत्यनारायणन ने दायर की है, जो 2016 से 2021 तक टी. नगर से विधायक रहे। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि टी. नगर निर्वाचन क्षेत्र की पूरी मतदाता सूची का फिर से  सत्यापन किया जाए, क्योंकि इसमें गलत हटाए गए नामों और अनुचित जोड़े गए नामों को लेकर तमाम गड़बड़ियां हैं।

आबादी बढ़ी, वोटर नहीं, 137 वोटों से जीतने का मतलब क्या है

याचिका में कहा गया कि 1996 में टी. नगर में 2,08,349 रजिस्टर्ड मतदाता थे, जिनमें से 53 प्रतिशत (1,13,853) ने वोट डाला। 2021 तक मतदाताओं की संख्या 2,45,005 हो गई, जो 25 वर्षों में मात्र 36,656 की बढ़ोतरी बताती है, जबकि वहां की आबादी में कई गुना वृद्धि हुई है। 2021 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 55.92 फीसदी रहा और द्रविड़ मुनेत्र कढ़गम (DMK) के जी. करुणानिधि ने मात्र 137 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। याचिकाकर्ता ने कहा, “मतदाता सूची में ठहराव है या ज्यादा वोटर नहीं बढ़ रहे हैं, जबकि आबादी में तेज वृद्धि हो रही है। यह गंभीर कानूनी और संवैधानिक चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा, “137 वोटों का बेहद संकीर्ण अंतर, जबकि हजारों गलत हटाए या जोड़े गए नाम हैं, यह स्पष्ट रूप से चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाली अनियमितताओं को दर्शाता है।”
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याचिकाकर्ता ने चुनाव अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया। सभी 229 बूथ स्तरों पर पुन: सत्यापन की मांग की है। ECI के स्थायी वकील निरंजन राजगोपालन ने अदालत को बताया कि तमिलनाडु में SIR जल्द ही शुरू होगा, जो पूरे देशव्यापी अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आयोग बिहार में SIR से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करेगा। राजगोपालन ने आगे कहा, “मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ परामर्श पहले ही हो चुका है और याचिकाकर्ता की शिकायतें आगामी SIR के दौरान हल की जाएंगी।”
बेंच ने कहा कि उसने ECI के बयानों को नोट किया है। याचिकाकर्ता को अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की अनुमति देते हुए सुनवाई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। यह संशोधन 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर टी. नगर जैसे क्षेत्रों में जहां संकीर्ण अंतर से चुनाव जीते गए हैं।

टी नगर का मतदाता डेटा और स्थिर वृद्धि  

1996 चुनाव: 2,08,349 पंजीकृत मतदाता; मतदान: 53% (1,13,853 वोट डाले गए)। 
2021 चुनाव: 2,45,005 पंजीकृत मतदाता; मतदान: 55.92%। मुख्य मुद्दा: 25 वर्षों में मतदाता संख्या में केवल 36,656 (लगभग 17.6%) बढ़े, जबकि शहरी क्षेत्र में जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह "ठहराव" संवैधानिक मानदंडों (अनुच्छेद 14 और 19(1)(a)) का उल्लंघन करता है, जो निष्पक्ष चुनावों के लिए हैं।

137 वोटों से हार के बहाने DMK पर बड़ा आरोप 

जे. करुणानिधि ने AIADMK उम्मीदवार को केवल 137 वोटों से हराया। याचिकाकर्ता का दावा है कि इतने कम अंतर के साथ, "हजारों" अनियमितताओं ने नतीजे को "महत्वपूर्ण रूप से बदल" दिया। सत्यनारायणन, जो 2016-2021 तक विधायक थे, ने कहा कि उन्होंने कई बार चुनाव अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
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यदि आरोप साबित हुआ, तो ये अनियमितताएँ चेन्नई के शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा कम कर सकती हैं। याचिका में "100% सत्यापन" पर जोर दिया गया है ताकि भविष्य में विवादों को रोका जा सके, खासकर करीबी चुनावों में। अभी तक कोई आपराधिक जांच शुरू नहीं हुई है, लेकिन अदालत की निगरानी जवाबदेही सुनिश्चित करती है।