इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि व्हाट्सएप संदेश में मौजूद 'अनकही बातें' भी धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे सकते हैं, भले ही संदेश में साफ़-साफ़ धर्म का ज़िक्र न हो। यह फैसला पिछले महीने जस्टिस जे.जे. मुनिर और जस्टिस प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनाया। इसमें बिजनौर निवासी अफाक अहमद की याचिका को खारिज कर दिया गया। अफाक ने अपने खिलाफ दर्ज एक एफ़आईआर को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन पर धार्मिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था। यह एफ़आईआर उनके एक व्हाट्सएप मैसेज को लेकर लगाया गया था।