'आई लव मुहम्मद' विवाद पर यूपी के बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों के नौ दिन बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। हिंसा में शामिल एक आरोपी के बैंक्वेट हॉल 'रजा पैलेस' को बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी बीडीए ने ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने इसे अवैध बताते हुए 'रूटीन डेमोलिशन' करार दिया, लेकिन कुछ लोग इसे 'बुलडोजर जस्टिस' का आरोप लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि 'आई लव मुहम्मद' विवाद पर पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन पुलिस का कहना है कि 'आई लव मुहम्मद' पोस्टरों को लेकर कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि जुमे की नमाज के बाद बड़ी भीड़ द्वारा प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश से कानून-व्यवस्था का मसला हो गया।
बरेली हिंसा: पोस्टर नहीं, कानून-व्यवस्था मुद्दा- पुलिस; आरोपी के बैंक्वेट हॉल पर बुलडोजर चला
- उत्तर प्रदेश
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- 5 Oct, 2025
बरेली हिंसा मामले पर पुलिस का कहना है कि यह 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था का मुद्दा है। आरोपी के बैंक्वेट हॉल पर प्रशासन ने बुलडोज़र क्यों चलाया?

आरोपी के बैंक्वेट हॉल पर बुलोडजर चला (फोटो साभार: एक्स/@Topi1465795)
बरेली में हिंसा की जड़ 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान लगाए गए 'आई लव मुहम्मद' पोस्टरों से जुड़ी है। जुलूस के दौरान हिंदू संगठनों ने इसे 'परंपरा' से चली आ रही प्रथा से अलग कदम बताते हुए आपत्ति जताई। इसके बाद कानपुर पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस घटना का असर पूरे प्रदेश में हुआ। बरेली के प्रमुख इस्लामी जानकार और इत्तेहाद-ए-मिलात काउंसिल यानी आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने इसके लेकर 26 सितंबर को इस्लामिया ग्राउंड पर धरना देने का ऐलान किया।