उत्तर प्रदेश में जब से 'लव जिहाद' यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण से जुड़ा अध्यादेश आया है तब से कम से कम तीन केस दर्ज किए जा चुके हैं। लेकिन बरेली में जो पहला केस दर्ज किया गया है उसी में पुलिस का रवैया संदेहों में घिर गया है। इस नये क़ानून के तहत गिरफ़्तार किए गए मुसलिम युवक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि लड़की के रिश्तेदारों ने पुलिस के दबाव में यह केस दर्ज कराया है। जब से यह केस दर्ज हुआ है तब से इस पर सवाल उठता रहा है।
लव जिहाद: पहले केस में ही यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 4 Dec, 2020
उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण से जुड़े अध्यादेश के तहत बरेली में जो पहला केस दर्ज किया गया है उसी में पुलिस का रवैया संदेहों में घिर गया है। आरोप है कि पुलिस के दबाव में यह केस दर्ज कराया गया है।

प्रतीकात्मक तसवीर।
सवाल तो तभी उठाया गया जब यूपी सरकार ने 28 नवंबर को अध्यादेश जारी किया तो इसके 12 घंटे के अंदर ही यह केस दर्ज कर लिया गया। इस पर सवाल यह भी उठा कि जब यह मामला क़रीब एक साल पहले का है और इस साल अप्रैल में उनकी शादी हो गई थी तो फिर परिवार अब क्यों एकाएक एफ़आईआर दर्ज करा रहा है? अब गाँव के ही लोग इस पर आश्चर्यचकित हैं कि जब यह मामला दोनों परिवारों के बीच पूरी तरह निपट गया था तो इसमें अब ऐसा क्या हो गया!