उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कांग्रेस और इत्तेहद-ए-मिल्लत काउंसिल के गठबंधन की चौंकाने वाली ख़बर आई है। सोमवार को लखनऊ में इस गठबंधन का ऐलान हुआ। काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा ने कांग्रेस का हाथ थामते ही अखिलेश पर ज़ोरदार हमला बोला। उन्होंने समाजवादी पार्टी को मुसलमानों का बीजेपी से भी बड़ा दुश्मन बताया। मौलाना ने आरोप लगाया कि अखिलेश के पांच साल के शासन के दौरान 176 मुसलिम विरोधी दंगे हुए और इनके दोषियों को सजा नहीं मिली।
यूपी: कांग्रेस ने क्यों थामा मौलाना तौक़ीर रज़ा का हाथ?
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Mar, 2025

मौलाना तौकीर रज़ा
विवादों में रहे मौलाना तौकीर रज़ा की इत्तेहद-ए-मिल्लत काउंसिल के साथ कांग्रेस ने गठबंधन आख़िर क्या सोचकर किया है? क्या इससे कांग्रेस को कुछ भी फायदा होगा?
ख़बर है कि मौलाना रज़ा पहले समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहते थे। इसे लेकर उनकी अखिलेश से कई बार मुलाक़ात भी हुई। लेकिन उनकी दाल नहीं गली तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने बताया कि अखिलेश से कई दौर की बातचीत के दौरान उन्होंने जानना चाहा कि प्रदेश में दोबारा उनकी सरकार बनी तो वह मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा रोकने के लिए क्या क़दम उठाएंगे? लेकिन अखिलेश ने किसी भी तरह का भरोसा नहीं दिया। इसीलिए वह कांग्रेस से गठबंधन कर रहे हैं।