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मुरादाबाद: ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगाकर फैलाया गया झूठ!

मुरादाबाद की शिव मंदिर कालोनी में कई घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगने की ख़बर जैसे ही मंगलवार को कुछ मीडिया चैनलों पर चली तो यह जंगल में आग की तरह फैल गयी। कहा गया कि यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग इस कॉलोनी को छोड़कर जाना चाहते हैं। ऐसे परिवारों की संख्या 81 बताई गई। 

कॉलोनी के कुछ लोगों ने कहा कि मुसलिम समुदाय के लोग हिंदुओं को परेशान करते हैं। इस वजह से उन्हें घर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले दो परिवारों ने बाज़ार की क़ीमत से तिगुने दाम पर अपने घरों को मुसलिम समुदाय के लोगों को बेच दिया है। कई और परिवारों को ऐसा ही लालच दिया जा रहा है। 

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इन 81 परिवारों ने हाथ में पोस्टर लेकर जुलूस भी निकाला। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते महीनों में ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लहराए जा चुके हैं। ‘मकान बिकाऊ है’ के तहत यह कहा जाता है कि हिंदू समुदाय के लोगों को मुसलिम समुदाय के लोग परेशान कर रहे हैं। 

समाज का माहौल बिगाड़ने की ताक में रहने वालों को मुरादाबाद की ख़बर के वायरल होते ही मौक़ा मिल गया और उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे वायरल करना शुरू कर दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और इस तरह की ख़बर को ग़लत बताया है। 

मुरादाबाद पुलिस ने मामले की जांच की और एक बयान जारी किया। पुलिस ने कहा कि शिव मंदिर कॉलोनी के बी ब्लॉक में 81 मकान हैं और इनमें से किसी भी मकान की बिक्री अभी तक नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि यहां पलायन की कोई स्थिति नहीं है और अपना मकान ख़रीदने-बेचने के लिए हर कोई आज़ाद है। 

Hindu families Makan bikau hai posters in Moradabad - Satya Hindi

पुलिस ने चेताया है कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर माहौल को बिगाड़ने का कुप्रयास किया जा रहा है, ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले न जाने इस तरह की कितनी और हरक़तें की जाएंगी। लेकिन जिम्मेदारी पुलिस की है, प्रशासन की है कि वह ग़लत लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे और किसी को भी माहौल को ख़राब करने की इजाजत नहीं दे। 

क्योंकि मतों के ध्रुवीकरण की तलाश में रहने वाले लोग इस तरह के हथकंडे अपनाकर अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश करेंगे। ऐसे में पुलिस, प्रशासन के साथ ही आम लोगों को भी सतर्क रहने और ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की ज़रूरत है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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