उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा क्षेत्र में जातिगत हिंसा का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। 20 वर्षीय दलित युवक अनिकेत जाटव (परिवार वाले उसे 'अन्नू' कहकर बुलाते थे) को उसके ही जन्मदिन पर सवर्ण जाति के कुछ लोगों ने लाठियों और हॉकी स्टिक से पीट-पीटकर बेहोश कर दिया। हमलावरों ने उसे जातिसूचक अपशब्दों के साथ 'तेरी औकात क्या है' कहकर उसकी सामाजिक स्थिति याद दिलाई। कई दिनों तक दिल्ली के अस्पताल में जिंदगी से लड़ते हुए अनिकेत ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और तनाव की लहर दौड़ा दी है, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर दलितों की सुरक्षा में नाकामी का आरोप लगाया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनिकेत के घर जाकर परिवार से मुलाकात की और आर्थिक मदद दी।
अनिकेत जाटव रबूपुरा के मोहल्ला अंबेडकर के निवासी थे। यह बस्ती गौतम बुद्ध नगर जिले के दक्षिणी छोर पर स्थित एक बड़े दलित बहुल इलाके में आती है। यहां जाटव समुदाय के लोग और अपर कास्ट के परिवार रहते हैं। अपर कास्ट के लोग यहां की अधिकांश जमीनों के मालिक हैं या उनका कब्जा है। अनिकेत एक मैकेनिक और ड्राइवर था, जो दिन भर मोटरसाइकिलों की मरम्मत करके परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके पिता बेरोजगार हैं, और वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। अनिकेत सबसे बड़ा बेटा था। घटना से एक माह पहले, स्थानीय रामलीला आयोजन के दौरान अनिकेत ने अपने एक दोस्त को ठाकुर समुदाय के कुछ लोगों के दुर्व्यवहार से बचाने के लिए हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद से उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं और जातिसूचक गालियां दी जा रही थीं।

दलित युवक की पिटाई क्या सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से की गई

घटना 15 अक्टूबर 2025 की रात को अनिकेत के जन्मदिन पर उसके घर के बाहर हुई। अनिकेत ने अभी-अभी अपना जन्मदिन का केक काटा ही था कि सवर्ण समुदाय के सात लोगों का एक समूह उन पर टूट पड़ा। हमलावरों ने लाठियों और हॉकी स्टिक से हमला किया, जिसमें अनिकेत को बेहोश होने तक पीटा गया। हमलावरों ने चिल्लाते हुए कहा, 'तेरी औकात क्या है', और उसे खून से लथपथ छोड़कर भाग गए। घायल अनिकेत झाड़ियों के पीछे पड़ा मिला। इस दौरान उसके चाचा सुमित को भी पीटा गया, जिसकी दाहिनी आंख सूजी हुई है। सुमित ने बताया, "वे मुझे पीटने लगे। मुझे लगा अनिकेत तो भाग गया होगा। लेकिन बाद में हमें झाड़ियों के पीछे उसे खून से तरबतर पड़ा पाया।" परिवार का दावा है कि यह हमला रामलीला की घटना और दो दिन पहले की एक झड़प से उपजा था, जिसमें हमलावरों ने अनिकेत को पत्थर मारा था और उसने जवाब में एक को थप्पड़ जड़ दिया था। पुलिस को शक है कि अनिकेत का एक सोशल मीडिया पोस्ट भी इस घटना का ट्रिगर हो सकता है।
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मां ने कहा- हमें पैसे-नौकरी नहीं, खून के बदले खून चाहिए

हमले के तुरंत बाद अनिकेत और सुमित को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल रेफर कर दिया गया। सुमित दो दिन पहले घऱ पर वापस आ गया, लेकिन अनिकेत कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहा। शुक्रवार को उसकी सांसें थम गईं। अनिकेत के शव को घर लाने पर पूरे मोहल्ले में सन्नाटा छा गया। अंतिम संस्कार के दौरान परिवार ने करीब एक घंटे तक शव जलाने से इनकार कर दिया और न्याय की मांग की। संकरी गली में भीड़ जमा हो गई और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अंत में परिवार को समझाने बुझाने के बाद अंतिम संस्कार किया गया। अनिकेत की मां ने सीने पर हाथ रखकर रोते हुए कहा, "अरे अन्नू, मेरे अन्नू... उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला। हमें पैसे नहीं चाहिए, नौकरी नहीं चाहिए। हमें खून का बदला खून चाहिए।"
रबूपुरा थाने में 17 अक्टूबर को मारपीट का केस दर्ज किया गया था। जिसे बाद में हत्या में बदल दिया गया। जातिगत अपमान के आरोपों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। एफआईआर में सात नामजद आरोपी हैं, जिनमें से दो- युवराज और जितेंद्र (जितू)- गिरफ्तार हो चुके हैं। बाकी पांच फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। थाना प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने कहा, "प्रारंभिक रूप से मारपीट का एफआईआर दर्ज हुआ था, जिसे बाद में हत्या में संशोधित कर दिया गया। जातिगत अपमान के आरोपों की जांच की जा रही है। एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज है, और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।"

अनिकेत जाटव के परिवार के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव

घटना पर राजनीतिक बवाल, बीजेपी मामला ठंडा करने में जुटी

इस घटना के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिलकर आर्थिक मदद की पेशकश की। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को दलितों की सुरक्षा में पूरी तरह नाकाम बताया। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "ग्रेटर नोएडा में एक 17 वर्षीय दलित लड़के को उसके जन्मदिन पर ऊपरी जाति के गुंडों ने बेरहमी से पीटा। 'तेरी औकात क्या है...', हमलावरों ने पीटते हुए यही कहा। अस्पताल में जिंदगी से लड़ रहे अनिकेत ने दम तोड़ दिया। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में हर हफ्ते या दो हफ्ते में दलितों के मारे जाने की खबरें आती रहती हैं। नरेंद्र मोदी और उनकी डबल-इंजन सरकारें दलितों की जान बचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई हैं।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी 'डबल-इंजन सरकारों' पर सीधा निशाना साधा।
वहीं, बीजेपी के जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने परिवार से मुलाकात की और शोक सभा में शामिल होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कराई। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।" बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता भी सांत्वना देने पहुंचे और समर्थन का वादा किया। पूरे दिन राजनीतिक दलों के नेता लगातार आते रहे।
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इस घटना ने ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके में व्याप्त जातिगत तनाव को उजागर कर दिया है, जहां सवर्ण दबंग जाति के परिवारों का वर्चस्व है। अनिकेत की मौत ने न केवल परिवार को हताश कर दिया है, बल्कि पूरे समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। पुलिस ने तनाव को देखते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात किया हुआ है। बीजेपी नेता परिवार को मनाने में जुटे हुए हैं।