मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर्स पर बैठे किसानों ने बीते 84 दिनों में साफ कर दिया है कि वे ये आंदोलन अपनी मांगों के पूरे हुए बिना ख़त्म नहीं करेंगे। सरकार के साथ किसानों की कई दौर की बैठकें बेनतीजा हो चुकी हैं और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड और लाल क़िले पर हुई हिंसा के बाद से बातचीत पूरी तरह बंद है। दूसरी ओर, महापंचायतों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है।
नड्डा ने जाट नेताओं से कहा- मैदान में उतरें और किसानों को समझाएं
- उत्तर प्रदेश
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- 17 Feb, 2021
मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर्स पर बैठे किसानों ने बीते 84 दिनों में साफ कर दिया है कि वे ये आंदोलन अपनी मांगों के पूरे हुए बिना ख़त्म नहीं करेंगे।

ऐसे हालात में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार शाम को किसान आंदोलन से प्रभावित राज्य हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित इन प्रभावित इलाक़ों के बीजेपी विधायक और सांसद शामिल रहे। ख़ासकर जाट नेताओं को इस बैठक में बुलाया गया था।