loader
फाइल फोटो

मुख्तार अंसारी को किया गया सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे में शामिल हुए हजारों लोग 

मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। उन्हें सुबह करीब 10.30 बजे उन्हें दफनाया गया है। उन्हें दफन करते समय कब्रिस्तान में परिवार और उनके बेहद नजदीकी लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई थी।  

इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का शव उनके पैतृक आवास मोहम्मदाबाद देर रात में ही पहुंच चुका था। 
शनिवार की सुबह होते ही उनके घर और कब्रिस्तान के आसपास समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई थी। बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी उनके आवास जिसे फाटक कहा जाता है पहुंचे थे। उनके समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में इलाके में पुलिस की तैनाती की गई थी। ड्रोन कैमरो से भीड़ पर नजर रखी जा रही थी। 
उन्हें दफनाने के दौरान कब्रिस्तान के चारो ओर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ है। आम लोगों को कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं दी गई है लेकिन लोग कब्रिस्तान के चारो तरफ खड़े हैं। एक अनुमान के मुताबिक 20 से 30 हजार की भीड़ उनके घर और कब्रिस्तान के आसपास मौजूद रही। 
ताजा ख़बरें

गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। जेल में तबियत बिगड़ने पर उन्हें गुरुवार की रात 8.25 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। 
जहां 9 डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका, कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी को उल्टी और बेहोशी की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। 
मौत के बाद शुक्रवार को 3 डॉक्टरों के एक पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर लाया गया है, जहां के काली बाग कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। 
मऊ और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मुख्तार अंसारी की इससे पहले मंगलवार को भी तबियत बिगड़ी थी, लेकिन अस्पताल में इलाज के बाद तबियत में सुधार आया था। 
तबियत ठीक होने के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था।  बीते दिनों मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने दावा किया था कि उसे जेल में धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें

दो वर्ष में ही 8 मामलों में हुई थी सजा 

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी पिछले दो वर्षों में आठ मामलों में दोषी ठहराए गए थे। 63 वर्षीय अंसारी यूपी की बांदा जेल में बंद थे। पूर्वी यूपी के मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे, मुख्तार अंसारी के खिलाफ यूपी, पंजाब और दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में करीब 65 मामले दर्ज थे।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार अंसारी को हाल में बीते 13 मार्च को भी एक मामले में सजा सुनाई गई थी। उन्हें 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह आठवां मामला था जिसमें पिछले दो वर्षों में यूपी की अदालत ने मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई थी। 
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में, मुख्तार अंसारी को वाराणसी में एक व्यवसायी को जान से मारने की धमकी देने के 26 साल पुराने मामले में पांच साल-छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी।10 अक्टूबर, 2023 को उन्हें ग़ाज़ीपुर में 2010 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में 10 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। 
 5 जून, 2023 को उन्हें 1991 में वाराणसी में हत्या और दंगे के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 29 अप्रैल, 2023 को उन्हें 2005 में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के संबंध में गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।15 दिसंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को ग़ाज़ीपुर में दर्ज 1996 के गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
23 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 1999 में लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 21 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 2003 के एक मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 
मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2021 में पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल से अधिक समय तक रोपड़ जेल में था। मोहाली स्थित एक बिल्डर को जबरन वसूली के लिए फोन किए जाने के मामले में उसे 22 जनवरी, 2019 को ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाया गया था
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें