प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा क्या योगी सरकार में पूरी तरह शक्तिहीन हैं? क्या वह एक छोटे कर्मचारी का तबादला तक नहीं कर सकते और क्या उनके ख़िलाफ़ यह सब एक साज़िश के तहत किया जा रहा है? कम से कम शर्मा ने तो ऐसा ही आरोप लगाया है। उन्होंने अपने ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सनसनीखेज दावा किया है कि कुछ अराजक तत्व उनके खिलाफ सुपारी लेकर काम कर रहे हैं। उनके आधिकारिक एक्स हैंडल से किए गए एक पोस्ट में उन्होंने बिजली विभाग के कर्मचारियों के एक वर्ग को 'असामाजिक तत्व' करार दिया और कहा कि ये लोग उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने और निजीकरण की प्रक्रिया को बाधित करने की साज़िश रच रहे हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि वह एक जूनियर इंजीनियर का तबादला तक नहीं कर सकते।
यूपी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के ख़िलाफ़ 'सुपारी' किसने ली, क्या निशाने पर योगी?
- उत्तर प्रदेश
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- 1 Aug, 2025
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के ख़िलाफ़ 'सुपारी' के आरोप ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। क्या ये कदम केंद्र में योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लेकर किया गया है? पढ़िए आरोप, जवाब और सियासी स्थिति।

यूपी ऊर्जा मंत्री के ख़िलाफ़ 'सुपारी' किसने ली, क्या निशाने पर योगी
एके शर्मा 1998 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। इन्हें नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में से एक माना जाता है। शर्मा मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद संयुक्त सचिव के रूप में पीएमओ में शामिल हुए। वे 2020 तक पीएमओ में रहे, जब उन्होंने वीआरएस ले लिया। जनवरी 2021 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और इसके तुरंत बाद एमएलसी चुने गए और उन्हें यूपी भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया। 2022 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद शर्मा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें ऊर्जा और शहरी विकास जैसे दो अहम विभाग दिए गए। ताज़ा विवाद ऊर्जा विभाग से जुड़ा है।