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मैनपुरी: डिंपल के सामने लड़ेंगे बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य 

बीजेपी ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व पूर्व सांसद डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है। 

उत्तर प्रदेश में मैनपुरी के अलावा रामपुर और खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। 

बीजेपी ने खतौली सीट पर राजकुमारी सैनी और रामपुर सीट से आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुरहानी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट से भी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। 

Raghuraj Singh Shakya BJP candidate for Mainpuri bypoll 2022 - Satya Hindi
समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने मिलकर उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आरएलडी ने खतौली सीट से मदन  भैया को उम्मीदवार बनाया है। तीनों ही सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। 
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मैनपुरी सीट पर यादव मतदाताओं के बाद शाक्य मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है और ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी शाक्य बिरादरी के किसी नेता पर दांव लगाएगी और ऐसा ही हुआ। रघुराज सिंह शाक्य के अलावा विधायक ममताश शाक्य, प्रेम सिंह शाक्य के नामों पर भी चर्चा चल रही थी। मुलायम सिंह यादव की दूसरी बहू अपर्णा यादव के नाम की भी चर्चा हुई थी। 

कौन हैं रघुराज सिंह शाक्य?

रघुराज सिंह शाक्य इटावा से लोकसभा के सांसद रहे हैं और इस साल फरवरी में उन्होंने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। 

सपा का गढ़ है मैनपुरी 

मैनपुरी सीट कई दशकों से समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। मुलायम सिंह यादव साल 1996 में पहली बार इस सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2004, 2009 और 2019 में भी उन्होंने इस सीट से चुनाव जीता था। मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के बड़े नेता भी थे इसलिए सपा को इस सीट पर सहानुभूति के वोट भी मिल सकते हैं। 

पिछला चुनाव हारी थीं डिंपल 

डिंपल यादव को 2009 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट पर कांग्रेस के नेता राज बब्बर से हार मिली थी। डिंपल कन्नौज से 2012 में लोकसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं। 2014 में वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव जीती थीं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गई थीं। 

Raghuraj Singh Shakya BJP candidate for Mainpuri bypoll 2022 - Satya Hindi

बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट से सपा से बीजेपी में आए वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह शाक्य को मैदान में उतारा था। 2019 में मुलायम सिंह यादव को 5,24,926 जबकि प्रेम सिंह शाक्य को 4,30,537 वोट मिले थे। 

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 94000 वोटों से हार मिली थी और उसका मानना है कि अब वह यहां जीत हासिल कर सकती है। बीजेपी ने कुछ महीने पहले हुए रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी। 

मैनपुरी लोकसभा सीट की करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव 2022 में विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इस सीट पर आने वाली 5 विधानसभा सीटों में से 2 बीजेपी के पास हैं इसलिए बीजेपी भी यहां चुनावी लड़ाई में कमजोर नहीं है। बीजेपी इस बात को लेकर लगातार मंथन कर रही है कि वह ऐसे किस नेता को उम्मीदवार बनाए जो मैनपुरी में कमल खिला सके। 

यादव मतदाता सबसे ज्यादा

मैनपुरी की सीट पर 35 फीसदी यादव मतदाता हैं जबकि अन्य 65 फीसदी में शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम समुदाय के मतदाता हैं। निश्चित रूप से इस सीट पर यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। मैनपुरी से लेकर इटावा, औरैया, कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद और फर्रुखाबाद तक यादव मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। 

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2024 के लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ डेढ़ साल का वक्त है और उससे पहले मैनपुरी, खतौली और रामपुर के नतीजे उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की सियासी जमीन कितनी मजबूत है, इस बारे में भी बताएंगे। 

देखना होगा कि मैनपुरी, रामपुर और खतौली में बाजी किसके हाथ लगती है।  

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क़मर वहीद नक़वी
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