उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा चुनावों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 113 सीटों पर चुनावी गहमागहमी शुरू हो गई है। टिकट वितरण के साथ ही पहले चरण के मतदान के लिए 21 जनवरी पर्चे दाखिल करने का आखिरी दिन था। पहले चरण में 10 फरवरी को 58 सीटों पर मतदान होगा जबकि दूसरे चरण की 55 सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। इन 113 सीटों में से 110 सीटें ऐसी हैं, जहां किसान आंदोलन का सर्वाधिक प्रभाव है।
टिकटों के बाद अपने मकड़जाल में फंसे बीजेपी और गठबंधन, डैमेज कंट्रोल की कवायद
- उत्तर प्रदेश
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- 31 Jan, 2022

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकटों के बंटवारे के बाद सपा रालोद गठबंधन और बीजेपी के अंदर घमासान मच गया है। बगावत होने के कारण दोनों के लिए ही हालात मुश्किल बन गए हैं और चुनाव दिलचस्प हो गया है।
इनमें भी 60 सीटें ऐसी हैं जहां के किसानों की आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह सीटें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 2017 के चुनावों में यहां बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। इस बार हवा बदली हुई है।
सपा गठबंधन बीजेपी के लिए गंभीर चुनौती बन कर ताल ठोक रहा है। पर दोनों के लिए बड़ी चुनौती अपने ही बागियों को साधना है। बागियों में टिकट के दावेदार भी हैं और प्रत्याशियों से नाराज़ अवाम भी।