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2 बहनों की मौत: पुलिस पर आरोप- ऑनर किलिंग कुबूल करने के लिए बना रही दबाव

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में दो बहनों की संदिग्ध हालात में मौत होने का मामला उलझ गया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस उन पर इस बात का दबाव डाल रही है कि वे उनकी हत्या करने की बात कुबूल करें जबकि ऐसा नहीं हुआ है। 

दोनों बहनों के शव बीसलपुर कोतवाली इलाक़े के जसौली गांव में मिले थे। एक बहन का शव पेड़ से लटका हुआ था जबकि दूसरी का शव पास के ही खेत में मिला। परिजनों का कहना था कि यह हत्या का मामला है और यह भी हो सकता है कि हत्या से पहले उनका यौन शोषण किया गया हो। लेकिन पीलीभीत पुलिस ने इससे इनकार किया था। 

बुधवार शाम को मृतक बहनों की मां और छोटे भाई को पुलिस ने ऑनर किलिंग के आरोप में हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि बड़ा भाई फरार है। परिवार में दो भाई हैं और दो ही बहनें थीं। उनके पिता की मौत छह साल पहले हो गई थी। 

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भाभी ने लगाया पिटाई का आरोप

टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) के मुताबिक़, मृतक बहनों की भाभी ने बताया, “पुलिस ने हमसे पूछा कि उनकी मौत कैसे हुई, तुम या तुम्हारी मां मौक़े पर रही होंगी। मैंने कहा कि मैंने कुछ नहीं देखा, मैं उन्हें ढूंढने गयी थी। फिर पुलिस ने कहा कि तुम्हारे पति और सास ने उन दोनों की गला दबाकर हत्या कर दी। जब मैंने इससे इनकार किया तो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे डंडों से पीटा।” 

इस मामले की जांच कर रहे बीसलपुर कोतवाली के एसएचओ कमल सिंह यादव ने टीओआई से बातचीत में परिजनों के आरोपों को नकार दिया। 

पीलीभीत के एसपी जय प्रकाश यादव ने अख़बार से कहा कि यह मामला ऑनर किलिंग का ही है और हमने इसे साबित करने के लिए सुबूत इकट्ठा किए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि छोटी बहन की मौत लटकाए जाने से जबकि बड़ी बहन की मौत गला दबाने से हुई है।  

पुलिस को यह ऑनर किलिंग की ही घटना क्यों लगती है, टीओआई के इस सवाल पर एक अन्य पुलिस अफ़सर ने बताया, “दोनों बहनें अपने ब्वॉयफ्रेंड्स के लगातार संपर्क में थीं जबकि उनकी शादी कहीं और तय की जा चुकी थी। हमें पता चला है कि एक लड़की का ब्वॉयफ्रेंड नीची जाति से था और उसके भाइयों को इससे अपमान महसूस हुआ। उन्होंने अपनी बहनों की हत्या कर दी और शवों को फेंक दिया।” 

पुलिस अफ़सर ने कहा कि इस बात की जानकारी इस इलाक़े के कई लोगों को है और हमारे पास इसके प्रत्यक्षदर्शी भी हैं। 

एफ़आईआर में जांच की मांग

इस मामले में मंगलवार रात को बड़े भाई ने पुलिस में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में कहा, “मेरी बहनें 22 मार्च की शाम को 7 बजे शौच जाने के लिए घर से निकली थीं। जब वे बहुत देर तक नहीं लौटीं तो हम उन्हें खोजने के लिए निकले। एक बहन की लाश रात लगभग 9 बजे मिली जबकि दूसरी की लाश दूसरे दिन सुबह 7 बजे पेड़ से लटकी हुई मिली।” भाई ने एफ़आईआर में कहा है कि परिजन इस मामले की जांच चाहते हैं। 

टीओआई के मुताबिक़, लड़की के परिजनों ने एफ़आईआर दर्ज न होने तक उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। बुधवार को पुलिस की सख़्त सुरक्षा में दोनों के शवों को दफना दिया गया। 

दफनाने के लिए की गई खुदाई का जो वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि वहां पर लकड़ियों का गठ्ठर भी रखा हुआ है। 

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टीओआई के मुताबिक़, एक पुलिस अफ़सर ने कहा कि पुलिस ही यह गठ्ठर लाई थी जिससे परिजनों को अंतिम संस्कार में मदद मिल सके। लेकिन कुछ धार्मिक रीति-रिवाजों के मुताबिक़ बिन ब्याही लड़कियों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता बल्कि दफ़नाया जाता है, इसलिए उन्हें दफ़नाने के लिए गढ्ढे खोदने पड़े। 

पीलीभीत के एसपी जय प्रकाश यादव ने कहा है कि किशोरियों के गले पर चोट के निशान हैं लेकिन दोनों के ही शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ उनके साथ किसी तरह के दुर्व्यवहार की भी बात सामने नहीं आई है। 

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक़ एक किशोरी का शव मिलने के बाद भी परिजनों ने पुलिस को इस बारे में जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा था कि परिवार की भूमिका इस मामले में संदिग्ध दिख रही है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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