loader

उन्नाव हादसा: तेज़ स्पीड में और ग़लत दिशा से आ रहा था ट्रक

उन्नाव रेप पीड़िता की गाड़ी को टक्कर मारने वाला ट्रक ग़लत दिशा से आ रहा था और बहुत तेज़ स्पीड में था। यह बात घटना के चश्मदीद अर्जुन यादव ने अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताई है। यादव ने अख़बार को बताया कि कार को टक्कर मारने के बाद ड्राइवर और क्लीनर ट्रक को छोड़कर भाग गए। यादव ने कहा कि पुलिस को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि क्या इस दुर्घटना के पीछे कोई साज़िश है। यादव पौर दौली क्रासिंग के पास दुकान चलाते हैं और वहीं पर यह दुर्घटना हुई है। बता दें कि ट्रक दुर्घटना में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। पीड़िता और वकील की हालत बेहद नाजुक है। 
कुछ अन्य दुकानदारों ने भी इस घटना का चश्मदीद होने का दावा किया और बताया कि उस समय बहुत तेज़ बारिश हो रही थी और सभी ने देखा कि ट्रक बहुत तेज स्पीड में और ग़लत दिशा से आ रहा था। क्रासिंग पर ही दुकान चलाने वाले रमेश चंद्र यादव ने कहा, ‘पौर दौली क्रासिंग पर एक मोड़ है, वहाँ ट्रक गलत दिशा से आ रहा था। अचानक उसने सड़क की दूसरी साइड में जाने के लिए ट्रक को मोड़ दिया और विपरीत दिशा से आ रही कार को रौंद दिया।’
ताज़ा ख़बरें

यादव ने अख़बार से कहा, ‘ट्रक ने कार को 10 मीटर तक घसीटा और तब जाकर वह रुका। जब तक हम लोग मौक़े पर पहुँचते, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर ट्रक से निकलकर खेतों में भाग गए। सभी लोग दुर्घटना में घायल लोगों को बचाने में जुटे थे, इसलिए ड्राइवर और क्लीनर का पीछा नहीं कर सके।’ 

घटनास्थल से ही एक दूसरे दुकानदार ने पुलिस को फ़ोन किया। 15 मिनट बाद पुलिस मौक़े पर पहुँची गयी और घायलों को जिला अस्पताल ले गयी। जहाँ उन्नाव रेप पीड़िता की एक रिश्तेदार को मृत घोषित कर दिया और तीन लोगों को लखनऊ रेफ़र कर दिया गया। 
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
54 साल के गया प्रसाद ने घटना का चश्मदीद होने का दावा करते हुए ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘इस बारे में ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की जानी चाहिए। मैं भी दुकान खोलने से पहले ट्रक चलाता था लेकिन ट्रक इस तरह से नहीं चलाया जाता। बड़ी बात यह है कि ट्रक की नंबर प्लेट पुती हुई थी और इस बात की भी जाँच की जानी चाहिए।’ट्रक के ड्राइवर आशीष पाल, क्लीनर मोहन और ट्रक के मालिक देवेंद्र किशोर पुलिस की हिरासत में हैं। घटनास्थल से 80 किमी दूर फतेहपुर जिले के ओठी गाँव में रहने वाले ड्राइवर आशीष पाल के परिजनों का कहना है कि आशीष निर्दोष है और इस घटना में कोई साज़िश नहीं है। आशीष की माँ राज रानी ने अख़बार से कहा, ‘हम लोग ख़ुद भी इस घटना की सीबीआई जाँच कराने की माँग कर रहे हैं। अगर मेरा बेटा कुछ ग़लत काम कर रहा होता तो हम लोग इस कच्चे घर में नहीं रह होते। हमारे पास टीवी और फ़्रिज तक नहीं है।’
संबंधित ख़बरें
आशीष पाल 8वीं तक पढ़ा है और वह पिछले चार साल से ट्रक चला रहा है। उसके दो बड़े भाई पंकज और सुनील भी ट्रक ड्राइवर हैं। पंकज ने कहा, ‘आशीष बहुत अच्छा ट्रक चालक है। मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि यह घटना कार के ड्राइवर की ग़लती से हुई होगी।’ पंकज ने यह भी बताया कि वे लोग ट्रक के मालिक के दूर के रिश्तेदार हैं। 
ट्रक के मालिक देवेंद्र के बड़े भाई नंद किशोर पाल ने कहा, ‘मेरे भाई ने पिछले साल यह ट्रक फ़ाइनेंस के माध्यम से ख़रीदा था। पैसे की दिक़्क़त के कारण देवेंद्र इस ट्रक की पिछली चार किश्तें नहीं दे पाया है। अब इस बात का डर है कि कहीं उसका ट्रक खड़ा न हो जाए। मेरे भाई के पास एक ही नंबर प्लेट थी। प्लेट के पुते होने के पीछे कोई और कारण नहीं है।’ नंद किशोर पाल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के फतेहपुर जिले के सचिव हैं। पाल ने बताया कि इससे पहले वह समाजवादी पार्टी में थे और राज्य के अलावा प्रदेश इकाई के भी सदस्य रहे हैं। 
नंद किशोर पाल ने किसी भी तरह से इस घटना का बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से संबंध होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरे परिवार का कोई भी व्यक्ति कभी भी सेंगर से नहीं मिला। मेरा भाई पूरी तरह निर्दोष है और इस घटना के पीछे किसी भी तरह की कोई साज़िश नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ट्रक का क्लीनर महेश पिछले छह साल से हमारे साथ है। बता दें कि उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ जून, 2017 में अपने आवास पर बलात्कार किया था। पीड़िता ने कहा था कि तब वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी माँगने के लिए विधायक के पास गई थी। सड़क दुर्घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि यह घटना विधायक के इशारे पर हुई है और विधायक के गुर्गे कई बार उनके परिवार को धमकी दे चुके हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें