उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी है तो विपक्षी दलों के लिए भी चेतावनी कम नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन उपचुनावों में सभी क्षेत्रों में दो-दो रैलियाँ कीं। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक पहले जमकर परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास किया गया। हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक कबीना मंत्री, दो-दो प्रदेश पदाधिकारियों की ड्यूटी लगायी गई। उपचुनावों के दौरान स्थानीय मुद्दे व विकास नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370, 35ए, राम मंदिर, ‘हाउडी मोदी’, पीओके में घुसकर मारने जैसे मामले ही प्रचारित हुए। इन सबके बाद भी नतीजों में बीजेपी ने अपनी दो सीटें गँवा दी है।
यूपी उपचुनाव के नतीजे बीजेपी सहित सभी दलों के लिए ख़तरे की घंटी क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 25 Oct, 2019

उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी है तो विपक्षी दलों के लिए भी चेतावनी कम नहीं है।
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के मुक़ाबले बीजेपी के 12 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट घट गए। एक जगह तो उसका उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा। हालाँकि बीजेपी ने इन उपचुनावों में आठ सीटें जीतीं जबकि उसके पास पहले नौ सीटें थीं। सपा के लिए खुश होने की वजह एक की जगह तीन सीटों पर जीत हासिल करना रहा। हालाँकि जिस नज़दीकी मुक़ाबले में उसने कुछ सीटें हारीं, वह ज़रूर उसके लिए चिंताजनक है।