loader

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट, 24 जनवरी को मामले की सुनवाई

यूपी में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सुल्तानपुर की अदालत से गिरफ्तारी वॉरंट जारी हुआ है। यह मामला 2014 का है। यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि स्वामी ने कल ही इस्तीफा देकर बीजेपी को हिला दिया था, आज उनके खिलाफ यह वॉरंट जारी हो गया। मौर्य को कथित तौर पर आज मामले में अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। अब उन्हें धार्मिक नफरत भड़काने के एक मामले में 24 जनवरी को अदालत में पेश होने को कहा गया है। वह उस समय मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में थे।
ताजा ख़बरें
मौर्य ने एक सभा में कहा था, "शादी के दौरान देवी गौरी या भगवान गणेश की पूजा नहीं की जानी चाहिए। यह दलितों और पिछड़ी जातियों को गुमराह करने और गुलाम बनाने के लिए उच्च जाति-प्रभुत्व वाली व्यवस्था की साजिश है।"  2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के वारंट पर रोक लगा दी थी। तब से इस मामले में कई सुनवाई हो चुकी है।
6 जनवरी को सुल्तानपुर की एक अदालत ने उन्हें आज पेश होने को कहा था। जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कोर्ट ने उनके वारंट को रिन्यू कर दिया।

पिछड़ी जाति के शक्तिशाली नेता मौर्य ने उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा देकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने और मंत्रियों और विधायकों को अपने साथ ले जाने की धमकी भी दी है। पांच तो पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। एक और मंत्री दारा सिंह चौहान ने आज पद और बीजेपी छोड़ दिया।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज सुबह एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "मेरे इस कदम से बीजेपी में भूचाल आ गया है।"

उत्तर प्रदेश से और खबरें

मौर्य ने कहा, "मैंने केवल एक मंत्री के रूप में इस्तीफा दिया है। मैं जल्द ही बीजेपी भी छोड़ दूंगा।"

उन्होंने कहा, "मैंने बीजेपी को खारिज कर दिया है... वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं 14 जनवरी को अपनी राजनीतिक पारी का ऐलान करूंगा।" 

मौर्य ने दो महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यशैली की शिकायत की थी। लेकिन पार्टी ने कुछ नहीं किया।

स्वामी ने 14 जनवरी को अपनी नई राजनीतिक पारी शुरु करने का ऐलान गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने के बाद किया है। यह बात उन्होंने ट्वीट में कहा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें