शामली (उत्तर प्रदेश)। तापमान 40 डिग्री। धर्मेंद्र के परिवार के सामने भूखों रहने की नौबत है। धर्मेंद्र कहते हैं कि ये तीन वक़्त की जगह एक या दो वक़्त का खाना ही खा पा रहे हैं। इनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। ये लोग सींकों से छाज बनाकर और बेचकर गुज़ारा करते हैं। लेकिन लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया है। यहाँ इस कॉलोन में इनके जैसे सोनी देवा समाज के 70 परिवार रहते हैं और सभी की ऐसी ही स्थिति है। देखिए रेवती लाल की रिपोर्ट।