क्या ये फिल्म JNU को बदनाम करने के लिए बनाई?
यह फिल्म जेएनयू पैरोडी की तरह बनाई गई है। यह देश के संसाधनों का फूहड़ उपयोग है। फ़िल्मकार अब गोदी मीडिया की तरह काम कर रहे हैं। नफरत को फ़ैलाने और दुष्प्रचार के लिए सिल्वर स्क्रीन का दुरुपयोग हो रहा है। सीधे आइनॉक्स से रिव्यू कर रहे हैं हमारे फिल्म समीक्षक प्रकाश हिन्दुस्तानी-